विज्ञान

न ले ओमेगा-3 के सप्लिमेंट्स, इससे बढ़ता है हार्ट संबंधी बीमारियों का खतरा

Rani Sahu
18 Dec 2021 10:35 AM GMT
न ले ओमेगा-3 के सप्लिमेंट्स, इससे बढ़ता है हार्ट संबंधी बीमारियों का खतरा
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डॉक्टर अक्सर अपने मरीजों को ओमेगा-3 फैटी एसिड्स के सप्लिमेंट्स लेने की सलाह देते हैं

डॉक्टर अक्सर अपने मरीजों को ओमेगा-3 फैटी एसिड्स के सप्लिमेंट्स लेने की सलाह देते हैं। ऐसा माना जाता है कि इन सप्लिमेंट का रोजाना सेवन करने से शरीर में कौलैस्टैरौल कम होता है और दिल सेहतमंद रहता है। लेकिन अमेरिका के इंटर माउंटेन हेल्थकेयर हार्ट इंस्टिट्यूट (IHHI) की रिसर्च के मुताबिक, इन गोलियों में पाया जाने वाला एक केमिकल, डोकोसाहेक्सिनोइक एसिड (DHA), दावों के उलट काम करता है। यह मरीजों में हार्ट अटैक और स्ट्रोक से होने वाली मौतों का कारण बनता है।

पहले जान लें, क्या होते हैं ओमेगा-3 फैटी एसिड्स
हमारे स्वास्थ्य के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड्स बहुत जरूरी होते हैं। ये शरीर को ऊर्जा देते हैं। पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड का यह ग्रुप हमारे दिल, फेफड़े, इम्यून सिस्टम और रक्त वाहिकाओं की सही फंक्शनिंग के लिए जिम्मेदार होता है। ये कैंसर सेल्स को रोकने का काम भी करते हैं। ओमेगा-3 फैटी एसिड्स की कमी से महिलाओं को माहवारी के समय दर्द की समस्या होती है।
क्या कहती है रिसर्च
ओमेगा-3 अधिकतर फैटी फिश, जैसे साल्मन और टूना, में पाया जाता है। वहीं, इसके सप्लिमेंट में इकोसापैनटोइनिक एसिड (EPA) और डोकोसाहेक्सिनोइक एसिड (DHA) केमिकल्स होते हैं। रिसर्च के अनुसार, EPA लोगों में हार्ट अटैक और मौत के खतरे को कम करता है, लेकिन DHA इस खतरे को बढ़ाता है। इससे लोगों में दिल की बीमारियां कम होने की बजाय बढ़ जाती हैं। ओमेगा-3 के अधिकतर सप्लिमेंट्स में यही दो केमिकल पाए जाते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि मरीजों को सप्लिमेंट की जगह ओमेगा-3 फैटी एसिड्स से भरपूर आहार अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए।
क्या हैं ओमेगा-3 फैटी एसिड्स की कमी होने के लक्षण
ओमेगा-3 की कमी से त्वचा में रूखापन और जलन, नाखूनों में पतलापन, जोड़ों में दर्द, आंखों में सूखापन, बालों का झड़ना और पीरियड में दर्द होता है। इसके अलावा, शरीर में थकान, नींद में कमी, फोकस ना कर पाना, ध्यान जल्दी भटकना और डिप्रेशन भी इसके लक्षणों में शामिल हैं।
सप्लिमेंट के बिना कैसे करें ओमेगा-3 की कमी को पूरा
यदि आप नॉन-वेजिटेरियन हैं तो साल्मन, मैकेरल, टूना, हेरिंग और सार्डन जैसी फिश व अन्य सी-फूड खा सकते हैं। चिकन और अंडों में भी ओमेगा-3 पाया जाता है। वेजिटेरियन लोगों के लिए दूध, अखरोट, चिया सीड्स, फ्लैक सीड्स, राजमा, सोयाबीन और पालक जैसी चीजें फायदेमंद हैं।


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