विज्ञान

इन लक्षणों को हल्के में लेने की न करें भूल, ये तीन बातों का रखें खास ध्यान

Shiddhant Shriwas
17 Oct 2021 10:27 AM GMT
इन लक्षणों को हल्के में लेने की न करें भूल, ये तीन बातों का रखें खास ध्यान
x
मानव शरीर जितना जल्दी स्वस्थ होता है, उतना ही जल्दी बीमारियों का शिकार भी हो जाता है।

मानव शरीर जितना जल्दी स्वस्थ होता है, उतना ही जल्दी बीमारियों का शिकार भी हो जाता है। इसके लिए हमारे आसपास मौजूद चीजें, हमारा अनहेल्दी खानपान, खराब दिनचर्या, व्यायाम से दूरी बनाना आदि चीजें जिम्मेदार हैं। हर कोई चाहता तो है कि वो बीमारियों से कोसों दूर रहे, लेकिन जाने-अनजाने हम कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिसके कारण हम इनकी चपेट में आ जाते हैं। जैसे- ब्रेन स्ट्रोक, ये एक गंभीर स्थिति है और ये तब होती है जब मस्तिष्क के विभिन्न हिस्सों में रक्त की आपूर्ति बाधित हो जाती है। ये मस्तिष्क के ऊतकों को ऑक्सीजन और पोषक तत्व प्राप्त करने से रोकता है, जिसके कारण स्ट्रोक होता है। तो चलिए आपको इसके लक्षण और बचाव के तरीकों के बारे में बताते हैं। आप अगली स्लाइड्स मे इस बीमारी के बारे मे सबकुछ जान सकते हैं...

दिनचर्या का बिगड़ना

कहा जाता है कि रात को समय पर सोया जाए, और सुबह जल्दी जागा जाए। ऐसा करने से शरीर को कई फायदे मिलते हैं। लेकिन लोगों ने अपनी दिनचर्या बिगाड़ रखी है। न तो सोने का कोई निश्चित समय है और न ही जागने का, जिसके कारण ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ता चला जाता है।

धूम्रपान और अल्कोहल

बीड़ी-सिगरेट का सेवन करने से ये हमें स्ट्रोक जैसी बीमारियों से ग्रसित करने का काम करते हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि धूम्रपान इस्केमिक स्ट्रोक के लिए आपके जोखिम को लगभग दोगुना तक कर देता है। वहीं, अल्कोहल का सेवन करने से भी स्ट्रोक हो सकता है। इसलिए माना जाता है कि रोजाना दो से ज्यादा ड्रिंक का सेवन न किया जाए, क्योंकि ऐसा करने से रक्चताप बढ़ता है।

व्यायाम न करना

आजकल लोग और खासतौर पर युवा व्यायाम से दूर रहते हैं, क्योंकि उनके अंदर आलस भरा रहता है। वो व्यायाम या किसी तरह का वर्कआउट नहीं करते हैं, जिसके कारण उनका मोटापा बढ़ता है और फिर ये स्ट्रोक जैसे जोखिमों को जन्म देने का भी काम करता है।

इन लक्षणों को न लें हल्के में

ब्रेन स्ट्रोक के कई लक्षण हैं और आपको इनको भूलकर भी नजरअंदाज नहीं करना है। इनको पहचानकर सही समय पर आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए, ताकि समय रहते आपका अच्छे तरीके से इलाज किया जा सके। ये लक्षण हैं:- बातों को समझने में परेशानी होना, बातों को बोलने में परेशानी होना, चक्कर आ जाना, दिमाग का संतुलन खो देना, एक या फिर दोनों आंखों से दिखाई न देना, आंखों के आगे धुंधला पन छाना और शरीर के दोनों तरफ, हाथों पर या पैरों का सुन्न होना हैं।

Next Story