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दक्षिण पूर्वी एशियाई देश लाओस में शोधकर्ताओं को 1,30,000 साल पुराना दांत मिला है जो एक युवती का है
वियेंटाइन: दक्षिण पूर्वी एशियाई देश लाओस में शोधकर्ताओं को 1,30,000 साल पुराना दांत मिला है जो एक युवती का है। शोधकर्ताओं का मानना है कि यह युवती एक डेनिसोवंस (Denisovans) थी। डेनिसोवंस मानव की एक विलुप्त प्रजाति है जो रूस के साइबेरिया से लेकर दक्षिण पूर्व एशिया में फैली हुई थी। मानव की इस प्रजाति की पहचान साल 2010 में हुई थी। चबाने में इस्तेमाल होने वाला यह दांत डेनिसोवंस का पहला जीवाश्म है। माना जा रहा है कि इस दांत की मदद से इंसान के विकास के सबसे बड़े रहस्य डेनिसोवंस का मामला सुलझ सकता है।
अब तक उत्तरी एशिया में डेनिसोवंस का एकमात्र निर्णायक जीवाश्म पाया गया था। रूस के साइबेरिया इलाके में अल्टाई पहाड़ियों में डेनिसोवंस की गुफा मिली थी। हालांकि जेनेटिक साक्ष्य आदिम मानव को साइबेरिया के दक्षिण में स्थित फिलीपीन्स, पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से इन्हें जोड़ते हैं। शोध के लेखक क्लेमेंट जानोल्ली ने कहा, 'यह दिखाता है कि डेनिसोवंस दक्षिण एशिया में मौजूद थे। और यह जेनेटिक्स के परिणामों को समर्थन देता है जो यह बताता है कि आधुनिक मानव और आदिम मानव डेनिसोवंस संभवत: दक्षिणपूर्वी एशिया में मिले थे।'
यह दांत 1,31,000 से लेकर 1,64,000 साल पुराना
पुरातत्वविदों का कहना है कि यह दांत कोबरा गुफा में मिला है जो लाओस की राजधानी वियेंटाइन से 260 किमी दूर है। इस जगह पर साल 2018 में खुदाई शुरू हुई थी। यह शोध नेचर जर्नल में प्रकाशित हुआ है और अनुमान है कि यह दांत 1,31,000 से लेकर 1,64,000 साल पुराना है। खुदाई में गुफा की इसी परत में पशुओं की 3 हड्डियां भी मिली हैं। जानोल्ली ने कहा कि यह दांत किसी इंसान के ब्लैक बॉक्स की तरह से है। इसके अंदर जीवन और बायोलॉजी से जुड़ी कई सूचनाएं छिपी होती हैं।
जानोल्ली ने बताया कि पुरानृविज्ञानी ( Paleoanthropologists) दांत का हमेशा से ही इस्तेमाल विभिन्न प्रजातियों में अंतर को बताने के लिए करते आए हैं। उन्होंने कहा कि अब तक हमारे लिए दांत बहुत ही अच्छे जीवाश्म साबित हुए हैं। शोधकर्ताओं ने इस दांत की तुलना अन्य आदिम इंसानों के दांतों से की और पाया कि यह होमोसेपिएंस से मेल नहीं खाता है। इस गुफा में मिला दांत तिब्बत के शियाहे काउंटी में मिली जबड़े की हड्डी से काफी करीब है। इस दांत के इनैमल में मिले प्रोटीन की जांच से पता चला है कि यह किसी युवती का है।
आधुनिक इंसानों में भी डेनिसोवंस के डीएनए पाए गए
शोधकर्ताओं के मुताबिक कुछ आधुनिक इंसानों के अंदर भी डेनिसोवंस के डीएनए पाए गए हैं। माना जाता है कि हमारे होमोसेपिएंस पूर्वज प्राचीन काल में कभी डेनिसोवंस के संपर्क में आए थे। दोनों के बीच सेक्स हुआ और इससे बच्चों का जन्म हुआ। ये बच्चे डेनिसोवंस और होमोसेपिएंस के मिश्रण थे। इससे पता चलता है कि हम वर्तमान जेनेटिक डेटा का इस्तेमाल करके मानव के इतिहास में झांक सकते हैं। डेनिसोवंस की गुलाबी रंग की हड्डियां, तीन दांत और निचला जबड़ा होता था।
Rani Sahu
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