विज्ञान

आज बराबर होंगे दिन-रात, इसके बाद दिन छोटे होने लगेंगे

Renuka Sahu
23 Sep 2022 1:14 AM GMT
Day and night will be equal today, after which the days will start getting shorter
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न्यूज़ क्रेडिट : punjabkesari.in

प्रतिवर्ष होने वाली खगोलीय घटना के तहत 23 सितंबर दिन रात बराबर होंगे।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रतिवर्ष होने वाली खगोलीय घटना के तहत 23 सितंबर दिन रात बराबर होंगे। इसके बाद दिन धीरे धीरे छोटे होने लगेंगे। यह खगोलीय घटना यहां स्थापित वेधशाला में प्राचीनतम यंत्रों के माध्यम से आसानी से देखी जा सकती है। शासकीय जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉक्टर राजेंद्र प्रकाश गुप्त ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि सूर्य के चारों ओर पृथ्वी के परिभ्रमण के कारण 23 सितंबर को सूर्य विषुवत रेखा 'सीधी रेखा' पर लंबवत रहता है इसे शरद संपात कहते हैं।

सूर्य को विषुवत रेखा पर लंबवत होने होने के कारण दिन और रात बराबर बराबर अर्थात 12/12 घंटे के होते हैं। उन्होंने बताया कि 23 सितंबर के बाद सूर्य दक्षिणी गोलार्ध एवं तुला राशि में प्रवेश करेगा। सूर्य के दक्षिणी गोलार्ध में प्रवेश के कारण अब उत्तरी गोलार्ध में दिन धीरे-धीरे छोटे होने लगेंगे तथा रात बड़ी होने लगेगी। यह क्रम 22 दिसंबर तक जारी रहेगा। 22 दिसंबर को भारत सहित उत्तरी गोलार्ध में दिन सबसे छोटा तथा रात सबसे बड़ी होगी।

उन्होंने बताया कि 24 सितंबर से सूर्य के दक्षिणी गोलार्ध में प्रवेश के कारण सूर्य की किरणों की तीव्रता उत्तरी गोलार्ध में धीरे धीरे कम होने लगेगी जिससे शरद ऋतु का प्रारंभ होती है। शासकीय जीवाजी वेधशाला उज्जैन में 23 सितंबर की घटना को शंकु यंत्र तथा नाडी वलय यंत्र के माध्यम से प्रत्यक्ष रूप से देखा जा सकता है। 23 सितंबर को शंकु की छाया पूरे दिन सीधी रेखा 'विषुवत रेखा' पर गमन करती हुई दिखाई देगी।

23 सितंबर के पूर्व नाडी वलय यंत्र के उत्तरी गोल भाग 22 मार्च से 22 सितंबर तक पर धूप थी और 23 सितंबर को उत्तरी तथा दक्षिणी किसी गोल भाग पर धूप दिखाई नहीं देगी तथा 24 सितंबर से अगले छह माह 20 मार्च तक नाडी वलय यंत्र के दक्षिणी गोल पर धूप रहेगी। इस प्रकार सूर्य के गोलार्ध परिवर्तन को हम नाडी वलय यंत्र के माध्यम से प्रत्यक्ष रूप से देख सकेंगे।

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