- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- विज्ञान
- /
- The Mummy of...
विज्ञान
The Mummy of Ankhekhonsu: प्राचीन ममी का किया गया सीटी स्कैन, इन राज से उठेगा पर्दा, देखें वीडियो
jantaserishta.com
24 Jun 2021 9:24 AM GMT
x
प्राचीन मिस्र की एक ममी को हाल ही में अत्याधुनिक मेडिकल टेक्नोलॉजी से खंगाला गया. यानी ममी का सीटी स्कैन किया गया. ताकि यह पता चल सके कि मरते समय उसे कैसी बीमारियां थी. उसकी मौत कैसे हुई. अंतिम संस्कार की प्रक्रिया क्या रही होगी. इतना ही नहीं इस ममी और उससे संबंधित सभी तरह के रहस्यों का खुलासा किया जा सके.
जिस ममी का सीटी स्कैन किया गया वह मिस्र का एक प्रसिद्ध पुजारी था. इसका नाम है अंखेखोंसू (Ankhekhonsu). इसे द ममी ऑफ अंखेखोंसू (The Mummy of Ankhekhonsu) कहा जाता है. इस ममी इटली के बर्गामो सिविक आर्कियोलॉजी म्यूजियम से मिलान के पॉलीक्लिनिको हॉस्पिटल ले जाया गया. ताकि इसका सीटी स्कैन करके, इससे जुड़े रहस्यों का उद्घाटन किया जा सके.
अंखेखोंसू की ममी करीब 3000 साल पुरानी है. जांच करने के बाद इसके जीवन और अंतिम संस्कार से संबंधित जानकारियों को समझने का मौका मिलेगा. ममी प्रोजेक्ट रिसर्च की डायरेक्टर सबीना मालगोरा कहती हैं कि कोई भी ममी एक बायोलॉजिकल म्यूजियम होती है. ये किसी टाइम कैप्सूल से कम नहीं होतीं. इनकी जांच करने पर हमें प्राचीन बीमारियों, जीने के तरीके, मौत की वजह आदि जानकारियां हासिल हो सकती हैं.
सबीना मालगोरा ने बताया कि इस ममी का नाम सैक्रोफैगस (Sacrophagus) से आया है. यह करीब 900 से 800 ईसा पूर्व की बात है. जब अंखेखोंसू जीवित था. उसके मरने के बाद हमें पता चला कि करीब पांच स्थानों पर यह लिखा है कि 'द गॉड खोंसू इज अलाइव' यानी प्रभु खोंसू जिंदा है. यह एक हैरानी की बात थी. हमारी जिज्ञासा और जाग गई कि ऐसा क्यों लिखा गया. क्या ये सिर्फ मान्यता है या फिर इसके पीछे कोई वैज्ञानिक वजह भी है.
An ancient Egyptian mummy underwent a CT scan at an Italian hospital so researchers could discover more about its life and death. More here: https://t.co/Uu5kgfJmpg pic.twitter.com/l6dmt5eFDq
— Reuters Science News (@ReutersScience) June 23, 2021
सबीना और उनकी टीम का मानना है कि सीटी स्कैन करने से उन्हें मिस्र की ममी की जिंदगी और मौत के बीच का संबंध पता चलेगा. साथ ही यह जानकारी भी होगी कि किसी लाश को ममी बनाने के लिए किन रसायनों का उपयोग किया गया था. उसकी प्रक्रिया क्या थी. क्या ऐसी प्रक्रिया से हम भविष्य के लिए अपने मूल्यवान लोगों या जीवों के शरीर को सुरक्षित रख सकते हैं.
इतना ही नहीं, ममी का अध्ययन करने से हमें प्राचीन बीमारियों का पता चलेगा. ममी के शरीर पर लगे चोट के निशान से यह पता चलेगा कि उसे यह चोट कैसे लगी. हम प्राचीन कैंसर और आर्टियोस्क्लेरोसिस का अध्ययन कर पाएंगे. इनकी मदद से हम आधुनिक मेडिकल साइंस में बदलाव ला सकते हैं या नहीं. क्या इन बीमारियों के अध्ययन से आधुनिक चिकित्सा से संबंधित कोई दवा बन सकती है क्या?
सबीना की टीम ने इस ममी को सीटी स्कैन मशीन में डालकर उसका मेडिकल रेडियोलॉजी स्कैनिंग किया. इस दौरान कंप्यूटर पर ममी के शरीर के अंदर रेडियोलॉजिकल स्टडी की गई. कहा जाता है कि अंखेखोंसू एक पुजारी था. जो खोंसू भगवान की पूजा करता था. खोंसू मिस्र में चांद के देवता को बोलते हैं. खोंसू का शाब्दिक अर्थ होता है ट्रैवलर यानी यात्री. इतना ही नहीं मिस्र की पौराणिक इतिहास के हिसाब से खोंसू जीवन की उत्पत्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
मिस्र में ये भी कहा जाता है खोंसू की वजह से ही चांद का ग्रहण लगता है. वह अपने रूप बदलता है. महिलाएं गर्भवती होती है. मवेशी प्रजनन करते हैं. दुनिया में मौजूद सभी जीवों के नाक और गले में साफ हवा भरी जाती है. इसके पीछे की कहानी ये है कि खोंसू मिस्र के देवता होरस (Horus) और शू (Shu) से भी रिश्ता था. दोनों देवता इन्हें सबसे ज्यादा मानते थे.
खोंसू को कई बार होरस की तरह ताज पहनाए वर्णन किया गया है. खोंसू ने होरस के बाज जैसे मुकुट को पहना है. जिसका मतलब ये है कि ये लोगों को बीमारियों और घावों से सुरक्षित रखते हैं. खोंसू का जिक्र का कई पिरामिडो और कब्रों पर मिस्र की भाषा में किया गया है. इनकी कहानियों को अलग-अलग तरीके से सुनाया गया है. इसलिए खोंसू के पुजारी अंखेखोंसू के ममी को काफी पवित्र माना जाता है.
सबीना कहती हैं कि ये सारी पौराणिक कहानियां और कब्रों व पिरामिडो में मिलने वाले जिक्र लोगों में एक दैवीय शक्ति की उम्मीद जगाते हैं. हम उसी दैवीय शक्ति के पुजारी की ममी का अध्ययन करके नए आधुनिक युग की बीमारियों और प्राचीन बीमारियों का समाधान निकाला जा सकता है या नहीं.
jantaserishta.com
Next Story