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अंतरिक्ष में हमारे पड़ोसी ग्रह मंगल के आकाश में 'भीड़' जमा होने जा रही है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| अंतरिक्ष में हमारे पड़ोसी ग्रह मंगल के आकाश में 'भीड़' जमा होने जा रही है। दरअसल, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), चीन और अमेरिका के अंतरिक्ष यान लंबी यात्रा के बाद मात्र 11 दिन के अंदर मंगल ग्रह की कक्षा में पहुंचने वाले हैं। यूएई का होप (HOPE) अंतरिक्ष यान करीब 7 महीने पहले लाल ग्रह के लिए रवाना हुआ था और आज इसके मंगल की कक्षा में प्रवेश करने के आसार हैं।
यूएई का होप यान करीब 120,000km प्रति घंटे की रफ्तार से चक्कर लगा रहा है और उसे मंगल ग्रह के गुरुत्वाकर्षण बल की पकड़ में आने के लिए करीब 27 मिनट तक अपने इंजन को चालू रखना होगा। इस बेहद अहम पल में अगर यूएई का यान सफल हो जाता है तो होप यान मंग्रल ग्रह के वातावरण का अध्ययन शुरू कर देगा। वैज्ञानिकों के मुताबिक यह चरण सबसे अहम होने जा रहा है और इसी से यह तय होगा कि होप मार्स तक पहुंच पाएगा या नहीं।
होप यान के नष्ट होने का भी खतरा
वैज्ञानिकों के मुताबिक इसमें खतरा यह है कि अगर वे तेजी से जाते हैं तो होप मंगल ग्रह से दूर निकल जाएगा और अगर होप धीमे जाता है तो वह मंगल ग्रह पर नष्ट हो जाएगा। इस होप यान लक्ष्य है मंगल का पहला ग्लोबल वेदर मैप भी तैयार करना। ये मिशन इसलिए खास है क्योंकि इससे पहले के रोवर मंगल के चक्कर ऐसे काटते थे कि वह दिन के सीमित वक्त में ही उसके हर हिस्से को मॉनिटर कर पाते थे। इससे अलग होप का ऑर्बिट अंडाकार है जिसे पूरा करने में इस रोवर को 55 घंटे लगेंगे। इसकी वजह से यह मंगल के हिस्सों पर दिन और रात में ज्यादा समय के लिए नजर रख सकेगा। मंगल के एक साल में यह हर हिस्से पर पूरे दिन नजर रखेगा।
दुनिया में मंगल ग्रह के लिए छिड़ी रेस
यूएई इस प्रोजेक्ट को अरब के युवाओं के लिए प्रेरणा के स्रोत के रूप में भी पेश करना चाहता है। उधर, वैज्ञानिकों का कहना है कि यूएई, अमेरिका और चीन के यान का मंगल तक पहुंचना दुनिया में बढ़ती रेस को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि दुनिया की महाशक्तियां धरती के बाद अंतरिक्ष में अपना दबदबा स्थापित करना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि एक महीने के अंदर तीन अंतरिक्ष यान का मंगल की कक्षा की ओर पहुंचना अप्रत्याशित है। इन सब यानों से हमारी मंगल ग्रह के बारे में जानकारी बढ़ेगी।
मंगल की धरती पर आजतक अमेरिका ही पहुंच सका
अभी तक अमेरिका ही एकमात्र ऐसा देश है जिसने मंगल पर सफलतापूर्वक अंतरिक्ष यान उतारा है और उसने यह कमाल आठ बार किया। नासा के दो लैंडर वहां संचालित हो रहे हैं, इनसाइट और क्यूरियोसिटी। छह अन्य अंतरिक्ष यान मंगल की कक्षा से लाल ग्रह की तस्वीरें ले रहे हैं, जिनमें अमेरिका से तीन, यूरोपीय देशों से दो और भारत से एक है। मंगल ग्रह के लिये चीन ने अंतिम प्रयास रूस के सहयोग से किया था, जो 2011 में नाकाम रहा था।
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