विज्ञान

इसरो के इस साल के पहले प्रक्षेपण अभियान के लिए उलटी गिनती शुरू, इओएस-04 के साथ उड़ान भरेगा PSLV-C52

Gulabi
13 Feb 2022 3:30 PM GMT
इसरो के इस साल के पहले प्रक्षेपण अभियान के लिए उलटी गिनती शुरू, इओएस-04 के साथ उड़ान भरेगा PSLV-C52
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इओएस-04 के साथ उड़ान भरेगा PSLV-C52
बेंगलुरु, एजेंसी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के 2022 के पहले प्रक्षेपण अभियान के लिए उलटी गिनती रविवार प्रात: शुरू हो गई। इस अभियान के तहत पीएसएलवी-सी 52 के जरिये धरती पर नजर रखने वाले उपग्रह ईओएस-04 को कक्षा में भेजा जाएगा। ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) का प्रक्षेपण आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लांच पैड से सोमवार को प्रात: 05.59 बजे निर्धारित है।
इसरो ने एक ट्वीट में कहा, पीएसएलवी-सी52/ईओएस-04 मिशन प्रक्षेपण के लिए 25 घंटे 30 मिनट की उलटी गिनती की प्रक्रिया रविवार प्रात: 04.29 बजे शुरू हो गई है। ईओएस-04 एक 'रडार इमेजिंग सेटेलाइट' है। इसे कृषि, वानिकी और पौधारोपण, मिट्टी की नमी, जल विज्ञान तथा बाढ़ मानचित्रण जैसे अनुप्रयोगों एवं सभी मौसम में उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरें प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है।
पीएसएलवी अपने साथ दो छोटे उपग्रहों को भी ले जाएगा। इनमें कोलोराडो विश्वविद्यालय, बोल्डर की वायुमंडलीय और अंतरिक्ष भौतिकी प्रयोगशाला की मदद से तैयार किया गया भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइएसटी) का उपग्रह इन्सपायरसैट-1 भी शामिल है। दूसरा उपग्रह इसरो का प्रौद्योगिकी प्रदर्शक उपग्रह (आइएनएस-2टीडी) है। ईओएस-04 एक रडार इमेजिंग सैटेलाइट है। इसे कृषि, वानिकी और वृक्षारोपण, मिट्टी की नमी और जल विज्ञान तथा बाढ़ मानचित्रण जैसे अनुप्रयोगों एवं सभी मौसम स्थितियों में उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरें प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है। भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईएसटी) का उपग्रह इन्सपायरसैट-1 भी शामिल है।
इसमें एनटीयू, सिंगापुर और एनसीयू, ताइवान का भी योगदान रहा है। इसमें एनटीयू, सिंगापुर और एनसीयू, ताइवान का भी योगदान रहा है। इस उपग्रह का उद्देश्य आयनमंडल के गति विज्ञान और सूर्य की कोरोनल ऊष्मीय प्रक्रियाओं की समझ में सुधार करना है। वहीं, दूसरा उपग्रह इसरो का एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शक उपग्रह (आईएनएस-2टीडी) है। इसके उपकरण के रूप में एक थर्मल इमेजिंग कैमरा होने से उपग्रह भूमि की सतह के तापमान, आर्द्रभूमि या झीलों के पानी की सतह के तापमान, वनस्पतियों (फसलों और जंगल) और तापीय जड़त्व (दिन और रात) के आकलन में सहायता प्रदान करेगा। यह पीएसएलवी की 54वीं उड़ान होगी और 6 पीएसओएम-एक्सएल (स्ट्रैप-ऑन मोटर्स) के साथ 'पीएसएलवी-एक्सएल कान्फिगरेशन' का उपयोग करते हुए 23वां मिशन होगा।
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