विज्ञान

कोरोना का वैक्सीन बनाने वाली वैज्ञानिक ने कहा: हमारा अगला लक्ष्य कैंसर होगा

Deepa Sahu
19 March 2021 3:47 PM GMT
कोरोना का वैक्सीन बनाने वाली वैज्ञानिक ने कहा: हमारा अगला लक्ष्य कैंसर होगा
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कोरोना का वैक्सीन

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस का टीका बनाना कोई आसान काम नहीं था। आमतौर पर किसी भी बीमारी के लिए वैक्सीन बनाने में 5-7 साल का समय लग जाता है, लेकिन वैज्ञानिकों ने कड़ी मेहनत की और एक साल के अंदर ही कोरोना की वैक्सीन बनाकर दुनिया को चौंका दिया। फिलहाल दुनिया के कई देशों में इस बीमारी के खिलाफ टीकाकरण अभियान चल रहा है। हालांकि कोरोना के अलावा और भी कई गंभीर बीमारियां हैं, जिनके टीके अब तक नहीं बन पाए हैं। इसमें कैंसर जैसी घातक बीमारी भी शामिल है। अब कोरोना के लिए सबसे पहले टीका विकसित करने वाली एक वैज्ञानिक ने कहा है कि यह टीका पूरी तरह सुरक्षित है और अब इस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल एक और बड़ी वैश्विक बीमारी कैंसर के इलाज के लिए किया जाएगा।

इस वैज्ञानिक का नाम ओजलेम तुरेसी है। वह उगुर साहिन की पत्नी हैं। दोनों ने मिलकर जर्मनी की कंपनी बायोएनटेक की स्थापना की है। फिलहाल फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन का इस्तेमाल अमेरिका समेत कई देशों में किया जा रहा है। इस वैक्सीन को काफी सुरक्षित और प्रभावी बताया जा रहा है।

दुनिया में सबसे पहले ब्रिटेन ने पिछले साल दिसंबर में बायोनटेक की एमआरएनए वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी दी थी और इसके एक हफ्ते बाद अमेरिका में भी इसकी मंजूरी मिल गई थी। दुनियाभर में लाखों लोग अमेरिका की फार्मा कंपनी फाइजर के साथ संयुक्त रूप से विकसित बायोएनटेक का टीका लगवा चुके हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले साल उगुर साहिन और ओजलेम तुरेसी को चीन में फैल रहे वायरस यानी कोविड-19 के बारे में पता चला था, जिसके बाद उन्होंने इस बीमारी के इलाज के लिए उस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने का प्रयास किया, जिसपर वे करीब 20 साल से शोध कर रहे थे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बायोएनटेक कंपनी फिलहाल ट्यूमर के इलाज के लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को इस्तेमाल करने पर काम कर रही है। ओजलेम तुरेसी ने एक साक्षात्कार में कहा है, 'अगर आपके पास असाधारण टीम है, तो साहसी फैसले लेने के नतीजे अच्छे मिलते हैं। इससे आप अपने सामने आने वाली समस्याओं और अड़चनों से तत्काल निपट सकते हैं।'




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