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मंगल ग्रह पर एस्ट्रोनॉट्स के खून से कंक्रीट ईंटों का होगा निर्माण
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इंसान मंगल ग्रह (Mars) को अपना अगला ठिकाना बनाने में जुटा हुआ है. ऐसे में इंसानों को लाल ग्रह (Red Planet) पर बसाने से पहले वहां पर मानव कालोनियों (Human colonies) को बसाना होगा. वहीं, यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर (University of Manchester) के वैज्ञानिकों ने कहा है कि मंगल ग्रह पर मानव कालोनियों को बनाने के लिए असल में एस्ट्रोनोट्स के खून, पसीने और आंसुओं का इस्तेमाल किया जा सकता है. उनका कहना है कि इसके जरिए मंगल ग्रह पर निर्माण सामग्री भेजने की महंगी और कठिन चुनौती का समाधान हो जाएगा.
मंगल ग्रह पर पानी की कमी (Water on Mars) है. ऐसे में अनुमानों के मुताबिक, लाल ग्रह पर एक ईंट भेजने में दो मिलियन डॉलर का खर्च आता है. मैटेरियल्स टुडे बायो जर्नल में इस महीने पब्लिश हुए नतीजों के मुताबिक, एस्ट्रोनोट्स मंगल की मिट्टी और अपने खून के जरिए साइट पर कंक्रीट बना सकते हैं. यहां गौर करने वाली बात ये है कि ये सिर्फ सैद्धांतिक बात नहीं है. स्टडी के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने इंसानों के खून और सिंथेटिक रेजोलिथ के इस्तेमाल के जरिए 'एस्ट्रोक्रीट' नामक एक ठोस पदार्थ पहले ही बनाया हुआ है. एस्ट्रोक्रीट मंगल और चंद्रमा पर मिट्टी के लिए वैज्ञानिक शब्द है.
एस्ट्रोक्रीट कैसे होता है मजबूत?
इंसानों का खून और सिंथेटिक रेजोलिथ का मिक्सचर मानव सीरम एल्ब्यूमिन (Human Serum Albumin) की वजह से काम करता है. एल्ब्यूमिन इंसानों के खून के प्लाज्मा में मिलने वाला एक सामान्य प्रोटीन है. जब प्रोटीन डिहाईड्रेटेड होता है, तो एक मजबूत बॉन्ड बनाता है, जो धूल को एक साथ कर लेता है. अकेले खून और धूल का मिक्सर कंक्रीट के बराबर है. लेकिन रिसर्चर्स का कहना है कि मिक्सर में मानव यूरिया मिलाने पर यह और भी मजबूत हो जाता है. ये सुनहरा पदार्थ यूरिया पसीने, आंसू और मूत्र से बनता है. इस तरह एस्ट्रोक्रीट की ताकत को 300 प्रतिशत तक बढ़ जाती है.
एस्ट्रोक्रीट की गंध को लेकर नहीं दी गई है जानकारी
स्टडी के मुताबिक, एस्ट्रोक्रीट अपने आप में भूरे रंग की एक डल छाया है. लेकिन इसे किसी भी रूप में आकार दिया जा सकता है और यहां तक कि 3डी प्रिंटिंग (3D printing) में भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इस स्टडी में एस्ट्रोक्रीट की गंध के बारे में कुछ नहीं कहा गया है. लेकिन एस्ट्रोक्रीट संरचनाएं (AstroCrete structures) किसी और चीज से बने सीलबंद आंतरिक खोल की रक्षा कर सकती है. ऐसे में एस्ट्रोनोट्स पेशाब और खून से बनी ईंटों के सीधे संपर्क में नहीं होगा. उसका मुख्य काम रेडिएशन और मंगल ग्रह की धूल भरी आंधी को दूर रखना होगा.