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अमेरिकी हमले में मारे गए आम नागरिक, 64 महिलाओं और बच्चों की हुई थी मौत

Rani Sahu
14 Nov 2021 12:33 PM GMT
अमेरिकी हमले में मारे गए आम नागरिक, 64 महिलाओं और बच्चों की हुई थी मौत
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अमेरिकी हमले में मारे गए आम नागरिक

US Airstrike in Syria: अमेरिकी सेना ने सीरिया में 2019 में हुए उन हवाई हमलों की जानकारी छिपाई थी, जिनमें इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ाई के दौरान 64 महिलाओं और बच्चों की मौत हो गई, यह एक तरह का संभावित युद्ध अपराध है. इस बात की जानकारी न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में दी है (Report on US Airstrike). रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका की स्पेशल ऑपरेशन यूनिट ने बघूज शहर के पास दो बैक-टू-बैक हवाई हमलों का आदेश दिया था. जिसमें इन लोगों की मौत हुई. ये वही यूनिट है, जिसे सीरिया में ग्राउंड ऑपरेशन की जिम्मेदारी दी गई थी.

अखबार ने कहा कि सीरिया में अमेरिकी हवाई अभियानों की निगरानी करने वाले यूएस सेंट्रल कमांड ने इस सप्ताह पहली बार हमलों को स्वीकार किया और उन्हें सही ठहराया. शनिवार को एक बयान में, सेंट्रल कमांड ने अपनी बात दोहराते हुए कहा कि हमलों में 16 इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों और चार नागरिकों सहित 80 लोग मारे गए थे. सेना ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि अन्य 60 लोग आम नागरिक थे (US Carries Airstrike on Syria). सेना का मानना है कि मारी गई महिलाएं और बच्चे भी लड़ाके हो सकते थे.
'हथियारों के साथ थे महिलाएं-बच्चे'
अपने बयान में सेना ने कहा कि हमले 'वैध रूप से आत्मरक्षा,' में किए गए. सेना ने कहा कि नागरिकों को कोई नुकसान ना पहुंचे इसके लिए जरूरी कदम उठाए गए थे. सेंट्रल कमांड ने कहा, 'हम निर्दोष लोगों की मौत से घृणा करते हैं और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए हर संभव उपाय करते हैं (US Launches Airstrike on Syria). इस मामले में, हमने अपने स्वयं के साक्ष्य के अनुसार हवाई हमले किए और जिनकी मौत नहीं होनी चाहिए थी, ऐसे लोगों की मौत की भी पूरी जिम्मेदारी लेते हैं.' सेना ने कहा कि वह नहीं बता सकती कि इन 60 लोगों में कितने आम नागरिक थे. क्योंकि 'घटनाओं के वीडियो में कई महिलाओं और कम से कम एक बच्चे को हथियार के साथ देखा गया था.'
अधिकतर लोगों को लड़ाके बताया
अमेरिकी सेना ने कहा कि संभावित रूप से इन 60 लोगों में से ज्यादातर लड़ाके थे (US Killed Civilians in Syria). सेंट्रल कमांड ने कहा कि हमले उस समय हुए जब सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज (एसडीएफ) पर भारी गोलाबारी हो रही थी और आगे बढ़ने में खतरे था. तब एसडीएफ ने बताया था कि क्षेत्र में कोई आम नागरिक नहीं है. टाइम्स के अनुसार, रक्षा विभाग के महानिरीक्षक ने 18 मार्च, 2019 की घटना की जांच की थी. लेकिन इसमें बमबारी का उल्लेख नहीं किया गया. ना ही कभी पूरी तरह से स्वतंत्र जांच हुई. अखबार ने बताया है कि उसकी रिपोर्ट गोपनीय दस्तावेजों, वर्गीकृत रिपोर्ट्स के विवरण और घटना में शामिल कर्मियों के साक्षात्कार पर आधारित है.


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