विज्ञान

शोध -चंद्रमा की मिट्टी पैदा कर सकती है ऑक्सीजन और ईंधन

Rani Sahu
8 May 2022 4:37 PM GMT
शोध -चंद्रमा की मिट्टी पैदा कर सकती है ऑक्सीजन और ईंधन
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चंद्रमा (Moon) पर इंसान के रहने योग्य हालात बनाने के लिए गहन शोध चल रहे हैं

चंद्रमा (Moon) पर इंसान के रहने योग्य हालात बनाने के लिए गहन शोध चल रहे हैं. इसमें वहां लंबे समय तक रहने के लिए इंसानी मूलभूत जरूरतें जैसे पानी और हवा, लंबे समय के लिए ऊर्जा स्रोत, अन्य रिहायशी सामानों के लिए निर्माण तंत्र, आदि शामिल हैं. चीनी वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन में बताया है कि चंद्रमा की मिट्टी (Lunar Soil) में ऐसे सक्रिय पदार्थ हैं जो कार्बन डाइऑक्साइड को ऑक्सीजन और ईधन (oxygen and Fuel) में बदल सकते हैं. ये नतीजे उन चीनी नूमनों के पड़ताल से निकली है जो पिछले साल चंद्रमा से धरती पर मानवरहित चीनी अभियान में लाई गए थे.

चंद्रमा पर संसाधनों की तलाश
चीनी वैज्ञानिकों की यह रिपोर्ट जूल जर्नल में प्रकाशित हुई है. अब शोधकर्ता इस बात की पड़ताल कर रहे हैं कि क्या चंद्रमा के संसाधनों का वहां पर और उससे आगे होने वाले मानवीय अनवेषण के लिए उपयोगी हो सकते हैं या नहीं. नानजिंग यूनिवर्सिटी के पदार्थ वैज्ञानिक यिंगफांग याओ और जिंगांग झोऊ एक ऐसा तंत्र विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं जिससे चंद्रमा की मिट्टी और वहां के सौर विकिरणों का लाभ उठाया जा सके.
उत्प्रेरक वाले पदार्थ
ये दोनों ही चीजें चंद्रमा पर बहुतायत में मिलने वाले संसाधन हैं. चीन के चांग ई 5 अंतरिक्ष यान से पृथ्वी पर लाई गई मिट्टी का विश्लेषण करने के बाद वैज्ञानिकों की टीम ने पाया कि इन नमूनों में लौह समृद्ध और टाइटेनियम समृद्ध पदार्थ हैं. इन पदार्थों में कैटालिस्ट यानि उत्प्रेरक के तौर पर काम करने की क्षमता है जिससे सूर्य के प्रकाश और कार्बनडाइऑक्साइड से ऑक्सीजन जैसे उत्पाद निकल सकते हैं.
पृथ्वी के बाहर प्रकाशसंश्लेषण
अपने अवलोकनों के आधार पर टीम ने "पृथ्वी की बाहर प्रकाश संश्लेषण" की तकनीक का प्रस्ताव दिया है. इस सिस्टम में चंद्रमा की मिट्टी का उपयोग पानी में इल्केट्रोलिसिस की प्रक्रिया में किया जाएगा जो चंद्रमा और अंतरिक्ष यात्रियों की श्वसन प्रक्रिया से मिलेगा. इस प्रक्रिया में सूर्य की रोशनी की मदद से ऑक्सीजन और हाइड्रोजन मिलेंगे.
कैसे मिलेगा ईंधन
चंद्रमा पर रहने वाले लोगों की सांसों से निकलने कार्बन डाइऑक्साइड भी जमा की जाएगी और इलेक्ट्रोलिसिस से मिली हाइड्रोजन से उसे मिलाया जाएगा. इसमें हाइड्रोजनेशन प्रक्रिया में मिट्टी उत्प्रेरक का काम करेगी. इससे मीथेन जैसे हाइड्रोकार्बन निकलेंगे जिन्हें ईंधन के तौर पर इस्तेमाल में लाया जा सकेगा.
केवल सूर्य की रोशनी
शोधकर्ताओं का कहना है कि इस कार्यनीति में सूर्य की रोशनी के अलावा किसी भी तरह की बाहरी ऊर्जा का इस्तेमान नहीं होगा. इससे कई तरह के उत्पाद, जैसे पानी, ऑक्सीजन, और ईंधन मिल सकते हैं. जो चंद्रमा पर जीवन का समर्थन के लिए बहुत उपयोगी होंगे. टीम इस सिस्टम का परीक्षण चीन के भावी अभियानों में करने कोशिश करेगी.
उत्प्रेरकों की कारगरता
याओ ने बताया कि उन्होंने 'मौके पर मौजूद' पर्यवारणीय संसाधनों का उपयोग किया है जिससे रॉकेट के नीतभार को कम किया जा सके और उनकी कार्यनीति पृथ्वी से बाहर के जीवन वाले वातावरण में एक संधारणीय और वहनीय परिदृश्य दे रही है. शोध में बताया गया है कि चंद्रमा की मिट्टी में मिलने वाले उत्प्रेरक पृथ्वी पर पाए जाने वाले उत्प्रेरकों से कम कारगर हैं.
Rani Sahu

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