विज्ञान

चीन ने साझा की Zhurong रोवर से ली गई मंगल की फोटोज

Gulabi
19 May 2021 2:42 PM GMT
चीन ने साझा की Zhurong रोवर से ली गई मंगल की फोटोज
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China Released Pictures Taken by Zhurong Rover on MARS: चीन ने वो पहली तस्वीरें जारी कर दी हैं, जिन्हें उसके जुरोंग रोवर (Zhurong Rover) ने मंगल ग्रह (MARS) पर लिया है. तस्वीरों में मंगल ग्रह की सतह के साथ-साथ रोबोट अपने लैंडिंग वाले स्थान पर खड़ा दिखाई दे रहा है. इसमें जुरोंग के सोनर पैनल भी नजर आ रहे हैं. चीन के जुरोंग ने सात महीने की लंबी अंतरिक्ष यात्रा, तीन महीने तक ऑर्बीटर की प्रक्रिया और टेरर के सबसे अहम 9 मिनट के बाद रविवार को मंगल की सतह को छुआ था. इस सफलता के बाद चीन, अमेरिका के बाद दुनिया का ऐसा दूसरा देश बन गया है, जिसने मंगल की सतह की जांच के लिए सफलतापूर्व रोवर उतारा है.


चीन के वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि रोवर कम से कम 90 दिनों तक मंगल पर जानकारी जुटाकर धरती पर भेजेगा. जुरोंग में छह पहिये लगे हैं और यह मंगल के यूटोपिया प्लेनीशिया समतल तक पहुंचा है, जो मंगल ग्रह के उत्तरी गोलार्ध में स्थित है. इस रोवर में चीन ने एक प्रोटेक्टिव कैप्सूल, एक पैराशूट और रॉकेट प्लैटफॉर्म का इस्तेमाल किया है. चीन के लिए रोवर को मंगल पर उतारना किसी बड़ी सफलता से कम नहीं है (Zhurong Rover Launch Day). रोवर द्वारा ली गई इन तस्वीरों को चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (सीएनएसए) ने अपनी वेबसाइट पर जारी किया है.




फरवरी में पहुंचा था तिअन्वेन-1
इसके साथ ही रोवर के एयरोशेल से रिकॉर्ड किए गए कुछ वीडियो भी जारी किए गए हैं. इस रोवर को धरती से तिअन्वेन-1 ऑर्बिटर के साथ भेजा गया था. जिसने फरवरी में मंगल की कक्षा में प्रवेश किया था. तस्वीरों में देखा जा सकता है कि रोवर की लैंडिंग बिल्कुल सही तरीके से हुई है (Zhurong Rover Rover). अब चीन में बैठी टीम रोवर के माध्यम से लाल ग्रह से जुड़ी जानकारी एकत्रित करेगी और इसे कंट्रोल करेगी. यानी बिल्कुल वैसे ही जैसे अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा अपने परसिवरेंस रोवर को धरती से ही कंट्रोल करती है.

जुरोंग में पांच उपकरण भी मौजूद
जुरोंग में कैमरे लगे हैं, जिनके जरिए तस्वीरें ली जा रही हैं और वो पांच अन्य उपकरण भी इसमें मौजूद हैं, जो मंगल ग्रह से चट्टानें एकत्रित करेंगे और वहां के वातावरण की जानकारी लेंगे, ताकि वहां जीवन की संभावनाओं से जुड़ी जानकारी मिल सके. ये रोवर वहीं उतरा है, जहां 1976 में नासा का विकिंग 2 लैंडर उतरा था (China Mars Mission). ऐसा कहा जाता है कि मंगल पर काफी समय पहले पानी मौजूद था. वहीं अमेरिका का बड़े आकार वाला परसिरेंस रोवर फरवरी महीने में मंगल पर उतरा था. हालांकि यूरोप ने यहां दो बार लैंडिंग कराने की कोशिश की थी लेकिन दोनों ही बार उसे असफलता मिली. अब अगले साल रोजालिंड फ्रैंकलिन नामक एक और रोवर (रूस के साथ साझा योजना) मंगल पर भेजा जाएगा.
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