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![चीन ने चंद्रमा को किया रवाना अंतरिक्ष यान, 40 साल बाद लेकर आएगा चांद का नमूना... चीन ने चंद्रमा को किया रवाना अंतरिक्ष यान, 40 साल बाद लेकर आएगा चांद का नमूना...](https://jantaserishta.com/h-upload/2020/11/24/857748-pic.webp)
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| पेइचिंग: चीन ने अपना चांग ई-5 (Chang'e-5) चंद्रमा के लिए रवाना कर दिया है। यह चीनी अंतरिक्ष यान करीब 4 दशक के बाद पहली बार चंद्रमा की सतह पर उतरेगा और वहां से नमूने लेकर वापस पृथ्वी पर आएगा। इस अंतरिक्ष यान को लेकर चीन का बेहद शक्तिशाली अंतरिक्ष यान लांग मार्च-5 रॉकेट हेनान प्रांत से भारतीय समयानुसार मंगलवार को अल सुबह रवाना हुआ।
चीन अगर चंद्रमा की सतह से मिट्टी के नमूने लाने में सफल हो जाता है तो यह उसके लिए बड़ी उपलब्धि होगा। चीनी अंतरिक्ष यान चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने पर अपना एक लैंडर वहां पर उतारेगा। लैंडर चांद की जमीन में खुदाई कर मिट्टी और चट्टान निकालेगा। फिर से इस नमूने का लेकर असेंडर के पास जाएगा। असेंडर नमूने लेकर चंद्रमा की सतह से उड़ेगा और अंतरिक्ष में चक्कर काट रहे अपने मेन यान से जुड़ जाएगा।
पूरे मिशन में लगेंगे कम से कम 23 दिन
चीन का मुख्य अंतरिक्ष यान चंद्रमा की सतह के नमूने को एक कैप्सूल में रखेगा और उसे फिर पृथ्वी के लिए रवाना कर देगा। इस पूरे मिशन में कम से कम 23 दिन लग सकता है। करीब 4 दशक बाद ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब कोई देश चंद्रमा के सतह की खुदाई करके वहां से चट्टान और मिट्टी पृथ्वी पर लाने जा रहा है। इस पूरे मिशन को चीन का सबसे महत्वाकांक्षी मिशन कहा जा रहा है।
चीनी मिशन अगर सफल हो जाता है तो उसकी चंद्रमा के बारे में समझ बढ़ेगी और इससे उसे चंद्रमा पर बस्तियां बसाने में मदद मिलेगी। चीन के अंतरिक्ष यान को चांद तक पहुंचाने के लिए लांग मार्च-5 रॉकेट का इस्तेमाल किया गया है। यह रॉकेट तरल केरोसिन और तरल ऑक्सीजन की मदद से चलता है। चीन का यह महाशक्तिशाली रॉकेट 187 फुट लंबा और 870 टन वजनी है।