विज्ञान

चंद्रमा, सूर्य, बाह्यग्रह, शुक्र, पृथ्वी के लिए चीन प्लान कर रहा है नए अभियान

Subhi
6 July 2022 4:27 AM GMT
चंद्रमा, सूर्य, बाह्यग्रह, शुक्र, पृथ्वी के लिए चीन प्लान कर रहा है नए अभियान
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चअभी दुनिया में अंतरिक्ष गतिविधियों के लिए लोगों की निगाहें प्रमुख रूप केवल अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा पर ही रहती थी. लेकिन अब हम चीन से भी ऐसी उम्मीद कर सकते हैं.

चअभी दुनिया में अंतरिक्ष गतिविधियों के लिए लोगों की निगाहें प्रमुख रूप केवल अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा पर ही रहती थी. लेकिन अब हम चीन (China) से भी ऐसी उम्मीद कर सकते हैं. पिछले कुछ सालों में अंतरिक्ष के क्षेत्र चीन की सक्रियता काफी तेजी से बढ़ी है. मंगल पर उसका रोवर काम कर रहा है. उसके इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (International Space Station) पर तेजी से काम हो रहा है. अब चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंस (Chinese Academy of Science) सूर्य, चंद्रमा, पृथ्वी और बाह्यग्रहों के लिए आगे के अध्ययन के लिए नए और बड़े अभियान की तैयारी कर रही है.

कम से कम पांच अभियान

अंतरिक्ष खगोलविज्ञान, खगोलभौतिकी, बाह्यग्रह, हेलियोफिजिक्स और ग्रहीय एवं पृथ्वी विज्ञान के क्षेत्र के प्रस्तावित अभियानों की सूची में से 13 को चुना गया है. स्पेस न्यूज के अनुसार इन 13 प्रस्तावों में से सीएएस कम से कम पांच अभियानों को हरी झंडी दे सकती है जो उसके स्ट्रैटेडिक प्रॉयरिटी प्रोग्राम (SPP III) का हिस्सा होंगे.

2026 से लेकर 2030 तक

चाइनीज जर्नल ऑफ स्पेस साइंस में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक भविष्य के अंतरिक्ष विज्ञान के विकास में 2025 से 2030 तक पूर्ण लक्ष्यों और निवेश पोर्टफोलियो को स्पष्ट करने के लिए आपात रूप से शीर्ष स्तर का नियोजन की आवश्यकता है. इसमें इन नए अभियानों के साथ पहले से चल रहे अभियानों को मजबूती देना भी जारी रखने की उम्मीद है.

किस आधार पर होगा चयन

इन अभियानों का चयन और उनकी प्राथमिक सूच इस साल के अंत तक तैयार होने की उम्मीद है. ये अभियान चीन क 15वीं पंचवर्षीय योजना के तहत साल 2026 से 2030 तक बजटीय प्रावधानों, तकनीक क्षमताओं, आदि के अनुसार प्रक्षेपित किए जाएंगे. इसके साथ अगले कुछ दशकों के लिए लंबी योजनाओं पर भी अनुसंधान जारी रहेगा.

खगोलविज्ञान के प्रस्ताव

अंतरिक्ष खगोलविज्ञान और खगोलभौतिक के तहत तीन प्रस्तावों का चयन किया गया है. इसमें एनहान्स्ड एक्स रे टाइमिंग और पोलरोमेट्री (eXTP) अभियान के तहत अंतरिक्ष के अवलोकनके लिए एक शक्तिशाली एक्स रे वेधशाला होगी. डार्क पार्टिकल एक्प्लोरर-2 डार्क मैटर पर विशेष अनुसंधान करेगा.

चंद्रमा और पृथ्वी के लिए भी

इस श्रेणी में तीसरा अभियान डिस्कवरिंग द स्काय एट द लॉन्गेस्ट वेवलेंथ (DSL) होगा जो चंद्रमा की कक्षा में 10 छोटे सैटेलाइट भेजेगा. वहीं बाह्यग्रहों के क्षेत्र चीन अपने क्लोबाय, हैबिटेबल एक्जोप्लैनेट सर्वे (CHES) पर काम करेगा तो अर्थ 2.0 (ET) अभियानों का लक्ष्य 100 सूर्य के जैसे तारों का अध्ययन करना होगा जो पृथ्वी से 33 प्रकाशवर्ष की दूरी के दायरे में आते हैं.

सूर्य के लिए विशेष अभियान

चीनी वैज्ञानिकों ने कुछ अभियान सर्य के लिए हेलियोफिजिक्स को ध्यान में रखते हुए प्रस्तावित किए हैं. इनमें सोलार रिंग (SOR) सूर्य और आंतरिक हेलियोस्फियर का अध्ययन करेगा. सोलर पोलर ऑरबिल ऑबजर्वेटरी (SPO) सूर्य के ध्रवों का अध्ययन करेगा. चाइनीज हेलियोस्फेरिक इंटरस्टैलर मीडियम एक्स्प्लोरर (CHIME) अभियान अतरतारकीय गैस और धूल का पहला मापन करेगा.

चीन हमारे सौरमंडल के लिए वीनस वॉलेकेनो इमेजिंग एंड क्लाइमेट एल्सप्लोरर (VOICE) अभियान के जरिए शुक्र ग्रह के विकास का अध्ययन करेगा. ईटाइप एस्ट्रॉयड सैम्पल रिटर्न (ASR) अभियान तीन क्षुद्रग्रहों से नमूनों जमा कर पृथ्वी पर लाएगा. लो अर्थ ऑर्बिट क्लाइमेट एंड एटमॉस्फियरिक कम्पोनेंट एक्सप्लोरिंग सैटेलाइट (CAES) पृथ्वी की जलवायु को बेहतर तरह से समझने का काम करेगा. चीन की हालिया उपलब्धियों को देखते हुए साफ लगता है कि चीन जल्द से जल्द खुद को एक अंतरिक्ष महाशक्ति के रूप में स्थापित करने में लगा है.


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