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अगले साल अक्टूबर में चांद पर भी कार रेसिंग होगी। इस रेस में हिस्सा अंतरिक्ष वैज्ञानिक नहीं बल्कि हाईस्कूल के छात्र लेंगे
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अगले साल अक्टूबर में चांद पर भी कार रेसिंग होगी। इस रेस में हिस्सा अंतरिक्ष वैज्ञानिक नहीं बल्कि हाईस्कूल के छात्र लेंगे। दुनिया में पहली बार चांद पर रिमोट कंट्रोल कार रेसिंग होने जा रही है। अमेरिका की एयरोस्पेस कम्पनी मून मार्क नाम इस कॉन्टेस्ट को आयोजित कर रही है। इसमें एलन मस्क की स्पेस एक्स कंपनी की मदद ली जा रही है। स्पेस एक्स के रॉकेट फाल्कन-9 के जरिए दो रोबोटिक कारें चांद की सतर पर भेजी जाएंगी।
रेसिंग प्लानिंग के 4 पॉइंट्स
2.5 किलो होगा एक कार का वजन
स्पेस एक्स के ही लैंडर नोवा-सी के जरिए 2.5-2.5 किलो वजनी दोनों कारों को सतह पर उतारा जाएगा। धरती से वाईफाई और टेलीमेट्री के जरिए कारें कंट्रोल की जाएंगी। फिलहाल यह रेस का शुरुआती चरण है।
स्टूडेंट्स डिजाइन करेंगे कार
इस कॉन्टेस्ट के लिए दुनियाभर से हाईस्कूल्स की टीमें चुनी जा रही हैं। इन ग्रुप्स में पांच-पांच सदस्य होंगे। अंतिम दौर तक पहुंचने वाली छह टीमों के बीच मुकाबला होगा और उसमें से दो विजेता चांद पर रेसिंग करेंगे। इसमें विजेता होने वाली टीम हाइब्रिड स्पोर्ट्स कार 'मैक्लेरेन पी-1' के डिज़ाइनर फ्रेंक स्टीफेन्सन के साथ मिलकर एक और कार डिजाइन करेंगे।
कम ग्रेविटी वाले हिस्से में होगी रेस
हाईटेक कार चांद पर कम ग्रेविटी वाले हिस्से में रेस लगाएगी। मून मार्क ने फिलहाल इस रेस के ट्रैक और लागत के बारे में खुलासा नहीं किया है। जानकारी के मुताबिक, लूनर सर्किट ट्रैक की डिजाइनिंग का जिम्मा जाने-माने जर्मन इंजीनियर हर्मेन टिल्के को दिया गया है।
74 करोड़ रुपए आएगा खर्च
इस प्रतियोगिता में 74 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। अक्टूबर 2021 से पहले मून मार्क इस पूरी प्रक्रिया और प्रयोगों को कैमरे में कैद करने के साथ बाद में कारों का उत्पादन और वैश्विक रूप से वितरण भी करेगी।
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