विज्ञान

ट्यूमर्स में ब्‍लास्‍ट करके कैंसर का होगा इलाज, ट्रायल वाला कदम सही रहा

jantaserishta.com
4 Feb 2022 3:34 AM GMT
ट्यूमर्स में ब्‍लास्‍ट करके कैंसर का होगा इलाज, ट्रायल वाला कदम सही रहा
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नई दिल्ली: ट्यूमर्स में ब्‍लास्‍ट करके कैंसर (Cancer) का इलाज किया जा सकेगा. यह ब्‍लास्‍ट मैग्‍नेटिक गेंद (Magnetic balls ) और एमआरआई मशीन (MRI machine) की मदद से किया जाएगा. इस नए तरीके से इलाज करके ट्यूमर को खत्‍म किया जा सकता है, वो भी स्‍वस्‍थ कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाए बिना. यह प्रयोग यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (University College London) के शोधकर्ताओं ने किया है. शोधकर्ताओं का कहना है, मैग्‍नेटिक बॉल के जरिए 33 दिन में ट्यूमर को खत्‍म करने में सफलता मिली है. वर्तमान में एमआरआई मशीन का इस्‍तेमाल कैंसर का पता लगाने में किया जाता है, लेकिन इससे कैंसर वाले ट्यूमर (Cancer tumours) को खत्‍म भी किया जा सकेगा.

क्‍या होती हैं मैग्‍नेटिक गेंद, यह कैसे ट्यूमर्स को खत्‍म करेंगी और ट्रायल में कितना असरदार साबित हुई हैं, जानिए इन सवालों के जवाब…
क्‍या होती हैं मैग्‍नेटिक बॉल्‍स और इनका कैसे इस्‍तेमाल किया जाएगा?
1) 2 mm छोटी गेंद की तरह दिखने वाली मैग्‍नेटिक बॉल दरअसल एक डिवाइस है. इसे यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने विकसित किया है.
2) इस बॉल को कैंसर ग्रस्‍त मरीजों की हड्डी में छेद के करके शरीर में पहुंचाया जाता है. इसके बाद मरीज को एमआरआई मशीन में ले जाया जाता है.
3) एमआरआई मशीन शरीर में मौजूद मैग्‍नेटिक बॉल्‍स को गर्म करती है. ऐसा करने में इसे 45 सेकंड लगता है. इन गेंदों को कैंसर के ट्यूमर के पास पहुंचाया जाता है. इसके बाद धमाका होता है.
4) धमाके के बाद ट्यूमर्स क्षतिग्रस्‍त हो जाता है और स्‍वस्‍थ कोशिकाओं पर इनका असर नहीं होता. ये मैग्‍नेटिक बॉल के अंश शरीर से बाहर निकल जाते हैं. इस पूरी प्रक्रिया में 30 मिनट का समय लगता है.
ट्रायल के नतीजे क्‍या कहते हैं?
डेलीमेल की रिपोर्ट में शोधकर्ताओं का कहना है, इस तकनीक का ट्रायल कैंसरग्रस्‍त चूहे पर किया गया. यह प्रयोग सफल रहा है. 33 दिन के अंदर चूहे में मौजूद ट्यूमर को खत्‍म किया गया है. इसके अलावा सूअर के दिमाग पर भी इसका ट्रायल किया गया है. इन ट्रायल्‍स के सफल होने के बाद मैग्‍नीटिक बॉल्‍स से उम्‍मीदें बढ़ गई हैं. अब इसका ट्रायल प्रोस्‍टेट कैंसर से जूझने वाले इंसानों पर किया जाएगा.
पिछले 5 साल से इस पर रिसर्च कर रहे यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के वरिष्‍ठ शोधकर्ता मार्क लिथगोए का कहना, स्‍थानीय स्‍तर के अस्‍पतालों में एमआरआई मशीन होती है. इन मशीन के जरिए कैंसर की जांच भी हो सकेगी और इलाज भी हो सकेगा.
शोधकर्ताओं का कहना है, मैग्‍नेटिक गेंद के शरीर में पहुंचाने के बाद इसे लगातार ट्रैक किया जाता है. यह देखा जाता है कि कैसे सबसे छोटे रास्‍ते से इसे ट्यूमर्स तक पहुंचाया जा सकता है. इन गेंदों को एमआरआई मशीन के जरिए मूव कराया जाता है. इस तरह इन खास तरह की गेंदों से कैंसर के मरीजोंं का इलाज किया जा सकता है. भविष्‍य में ये तकनीक कैंसर के इलाज में बड़ा बदलाव जा सकती है.

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