विज्ञान

नहीं झेल पाए कनाडा की भीषण गर्मी, तट पर मरे मिले 100 करोड़ समुद्री जीव, वैज्ञानिकों ने कही ये बात

Gulabi
12 July 2021 11:28 AM GMT
नहीं झेल पाए कनाडा की भीषण गर्मी, तट पर मरे मिले 100 करोड़ समुद्री जीव, वैज्ञानिकों ने कही ये बात
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तट पर मरे मिले 100 करोड़ समुद्री जीव

पिछले हफ्ते ब्रिटिश कोलंबिया में तापमान का रिकॉर्ड तोड़ने वाली भयानक गर्मी को पश्चिमी कनाडा के समुद्री तटों पर 100 करोड़ से ज्यादा समुद्री जीवों के मरने के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है. पांच दिनों की भयानक गर्मी का असर उत्तर-पश्चिमी अमेरिका में भी देखने को मिला. वैज्ञानिकों का कहना है कि तापमान इतना ज्यादा बढ़ गया कि ये समुद्र जीव उसे बर्दाश्त नहीं कर पाए और मारे गए. गर्मी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सड़कों पर दरारें आ गई और घरों की दीवारें तक पिघल गईं.

न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के मुताबिक दो हफ्ते तक पड़ी भयानक गर्मी के चलते पश्चिमी अमेरिका और कनाडा के पास समुद्री तट पर करीब 100 करोड़ समुद्री जीव मरे पाए गए. इस दौरान सैकड़ों लोगों की जान चली गई और सैकड़ों जंगल आग की चपेट में आ गए. समुद्री जीवन पर इस गर्मी का बेहद बुरा असर पड़ा है.
तट पर टहलना मतलब मरे हुए जीवों पर चलना
हार्ले का मानना है कि रिकॉर्ड तोड़ गर्मी के चलते एक अरब से ज्यादा समुद्री प्रजातियां मर गई. चट्टानी तटों की पारिस्थितिकी पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का अध्ययन करने के लिए उन्होंने वैंकूवर क्षेत्र में एक समुद्र तट पर टहलने का दावा किया और कहा कि वह पिछले दिन के मरे हुए जानवरों के कारण समुद्र तट को सूंघ सकते हैं.
हार्ले ने यहां तक कहा कि जब हम समुद्र तट पर चलते हैं तो यह आमतौर पर क्रंच नहीं होते है लेकिन यहां बहुत सारे खाली मसल्स सीप बिखरे हैं मरे हुए जानवरों पर यात्रा करते हुए हम समुद्री तट पर चले. उन्होंने समझाया कि मसल्स खुद को चट्टानों और दूसरी सतहों से जोड़ लेते हैं और कम ज्वार के दौरान हवा और धूप के संपर्क में आने के आदी हो जाते हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि वे आमतौर पर बहुत लंबे समय तक 100 डिग्री से अधिक तापमान पर नहीं टिक सकते हैं.
सेल के भीतर सड़ रहे थे घोंघे
रिपोर्ट के मुताबिक घोंघे अपने सेल के भीतर सड़ रहे थे और चट्टानों और पत्थरों के पास सूखे और मरे हुए सी स्टार देखे गए. विशेषज्ञ ने कहा कि इतने बड़े पैमाने पर इन प्रजातियों के विलुप्त होने से पानी की गुणवत्ता पर एक अस्थायी असर पड़ेगा क्योंकि मसल्स और क्लैम समुद्र को फिल्टर करने का काम करते हैं. बता दें कि जून के आखिरी दो हफ्तों में कनाडा और उत्तर-पश्चिम अमेरिका में का तापमान 49.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था. ये गर्मी का एक नया रिकॉर्ड था. गर्मी के चलते स्कूलों को बंद कर दिया गया था और कोरोना जांच केंद्रों पर भी ताला लग गया था.
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