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खाने में ऑलिव ऑयल का प्रयोग करके कई बीमारियों से पा सकते हैं सुरक्षा

Shiddhant Shriwas
2 Oct 2021 12:36 PM GMT
खाने में ऑलिव ऑयल का प्रयोग करके कई बीमारियों से पा सकते हैं सुरक्षा
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वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में पाया कि जैतून के तेल जैसे असंतृप्त वसा का सेवन करने वालों में अवसाद होने की आशंका कम होती है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क । स्वास्थ्य संबंधी तमाम तरह के लाभ प्राप्त करने के लिए दुनियाभर में ऑलिव ऑयल को व्यापक रूप से प्रयोग में लाया जाता है। एंटीऑक्सीडेंट और मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड से भरपूर इस तेल का सेवन करने से कई तरह की गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक खाने के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले कई अन्य प्रकार के तेलों के मुकाबले ऑलिव ऑयल का सेवन सेहत के लिए तमाम तरह के स्वास्थ्य लाभ से भरपूर हो सकता है। ऑलिव ऑयल में पाया जाने वाला एंटीऑक्सिडेंट, शरीर को सेलुलर डैमेज से बचाता है, जिससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा कम हो सकता है। अध्ययनों में एक्सट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल के उपयोग को ज्यादा फायदेमंद बताया गया है।

तमाम अध्ययनों में ऑलिव ऑयल या जैतून के तेल के सेवन से होने वाले फायदों का जिक्र मिलता है। आइए आगे की स्लाइडों में जानते हैं कि भोजन में इस तेल को शामिल करना आपकी सेहत के लिए किस प्रकार से फायदेमंद हो सकता है?

हृदय रोगियों के लिए फायदेमंद है ऑलिव ऑयल

अध्ययनों से पता चलता है कि ऑलिव ऑयल का सेवन करने वाले लोगों की जीवन प्रत्याशा अधिक होती है। अन्य लोगों की तुलना में ऐसे लोगों में हृदय रोगों का खतरा भी कम होता है। कुछ अध्ययनों में इसे हृदय रोग निवारक दवा के रूप में भी वर्णित किया गया है।खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) और यूरोपीय खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण, हृदय संबंधी जोखिम को कम करने के लिए प्रतिदिन लगभग 20 ग्राम या दो बड़े चम्मच एक्सट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल के सेवन की सलाह देता है।

डिप्रेशन का खतर होगा दूर

साल 2013 में किए गए एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने बताया कि एक्सट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल में मौजूद यौगिक सामग्री तंत्रिका तंत्र की रक्षा करते हैं जिससे अवसाद और चिंता जैसी समस्याओं का खतरा कम हो जाता है। वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में पाया कि जैतून के तेल जैसे असंतृप्त वसा का सेवन करने वालों में अवसाद होने की आशंका कम होती है।

कैंसर से मिल सकती है सुरक्षा

कुछ अध्ययनों में पाया गया कि जैतून के तेल में कई ऐसे यौगिक होते हैं जो स्तन कैंसर के खतरे को कम करने में मदद कर सकते हैं, हालांकि सभी निष्कर्ष इसकी पुष्टि नहीं करते हैं। साल

2019 में प्रकाशित शोध के अनुसार, जैतून के तेल में मौजूद यौगिकों में कोलोरेक्टल कैंसर को रोकने का क्षमता होती है। लैब परीक्षणों में भी इस बात के प्रमाण मिले हैं कि जैतून के तेल में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट शरीर को सूजन, ऑक्सीडेटिव डैमेज और एपिजेनेटिक परिवर्तनों से बचाने में मदद कर सकते हैं।

लिवर को स्वस्थ रखने में सहायक

प्रयोगशाला अध्ययनों की साल 2018 में की समीक्षा में पाया गया कि एक्सट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल के यौगिक लिवर डैमेज के खतरे को कम करने के साथ लिवर को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होते हैं। तेल में पाए जाने वाले ओलिक एसिड सूजन, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस, इंसुलिन प्रतिरोध और अन्य परिवर्तनों को रोकने में मदद करते हैं।

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