विज्ञान

मौत से 30 सेकंड पहले दिमाग में कौंधती है तेज रोशनी, नई स्टडी में हुआ खुलासा

Rani Sahu
25 Feb 2022 6:36 PM GMT
मौत से 30 सेकंड पहले दिमाग में कौंधती है तेज रोशनी, नई स्टडी में हुआ खुलासा
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मौत से चंद सेकंड पहले व्यक्ति को कैसा अनुभव होता है। जिंदगी और मौत के बीच के आखिरी पल कैसे होते हैं

मौत से चंद सेकंड पहले व्यक्ति को कैसा अनुभव होता है। जिंदगी और मौत के बीच के आखिरी पल कैसे होते हैं, इस बारे में वैज्ञानिकों के बीच सालों से खोज चल रही थी। हाल में अमेरिका के लुईसवील यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने पाया है कि मौत से 30 सेकंड पहले दिमाग में तेज रोशनी कौंधती है। वैज्ञानिकों ने इसे 'लास्ट रीकॉल' यानी जिंदगी की आखिरी याद का नाम दिया है। हॉलीवुड की कई साइंस फिल्मों में वैज्ञानिक इस गुत्थी को सुलझाते नजर आते रहते हैं।

87 साल के व्यक्ति पर हुई स्टडी
हाल ही में डॉक्टरों ने एक 87 साल के व्यक्ति के ब्रेन की स्कैनिंग की। इस व्यक्ति की अस्पताल में ही उपचार के दौरान हार्ट अटैक से मौत हो गई। जब उसके ब्रेन की स्कैनिंग की गई तो पाया गया कि मौत से 30 सेकंड पहले उसके दिमाग में तेज रोशनी कौंधी जिसे उस व्यक्ति ने भी देखा। मस्तिष्क में रक्त प्रवाह रुक जाने के बाद कुछ मिनट बाद भी ये बदलाव जारी रहते हैं।
लुईसवील यूनिवर्सिटी के डॉ. अजमल जेमर ने बताया कि शोध में सामने आया कि मानव का दिमाग काफी जटिल है। इस शोध के द्वारा न्यूरो साइंस के क्षेत्र में काफी मदद मिल सकती है। मस्तिष्क की फंक्शनिंग को समझने से रोगियों के उपचार के नए तरीके खोजे जा सकेंगे।
इस शोध के बारे में सक्सेस यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अनिल सेठ का कहना है कि यह डेटा काफी अनूठा है। इसके द्वारा पहली बार मौत से चंद सेकंड पहले दिमाग में क्या चल रहा होता है उसके बारे में पता चला। पिछले लगभग एक दशक से मौत से पहले दिमाग में क्या कुछ चल रहा होता है इसका पता लगाने के लिए वैज्ञानिक जुटे हुए थे।
दिमाग में रोशनी कौंधने के लिए अल्फा और गामा तरंगें जिम्मेदार
शोध में शामिल डॉ. जेमर के अनुसार, मौत से पहले दिमाग में रोशनी कौंधने का कारण अल्फा और गामा तरंगें हैं। खून का प्रवाह रुकने के बाद ये तरंगे कुछ सेकंड तक सक्रिय रहती हैं। इस दिशा में अभी और शोध करना है।
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