विज्ञान

BrahMos Missile का 3D अवतार... अब दुश्मन पर जमीन-आसमान-पानी हर जगह से करेगी वार

Tulsi Rao
20 April 2022 1:59 PM GMT
BrahMos Missile का 3D अवतार... अब दुश्मन पर जमीन-आसमान-पानी हर जगह से करेगी वार
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) ने 19 अप्रैल 2022 को देश की पूर्वी समुद्री इलाके में सुखोई-30एमकेआई (Su-30MKI) से ब्रह्मोस मिसाइल के एयर वर्जन का सफल परीक्षण किया. उसी दिन नौसेना ने भी अपने युद्धपोत से इस मिसाइल के नौसैनिक वर्जन का परीक्षण किया. पिछले महीने ही डीआरडीओ (DRDO) ने अंडमान-निकोबार द्वीप समूह पर सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस का सफल परीक्षण किया था. लगातार तीनों दिशाओं से इस मिसाइल का परीक्षण किया जा रहा है. ताकि दुश्मन को याद रहे कि भारत की सेनाओं के पास एक ब्रह्मास्त्र है.

सुखोई के साथ ब्रह्मोस का कॉम्बिनेशन है बेहद खतरनाक
सुखोई-30 एमकेआई (Sukhoi-30 MKI) भारतीय वायुसेना के सबसे खतरनाक फाइटर जेट्स में से एक है. ये विमान आवाज से दोगुना गति में उड़ता है. यानी 2120 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार. 3000 किलोमीटर इसकी रेंज है. अब अगर इस विमान से ब्रह्मोस मिसाइल के नए एयर लॉन्च वर्जन को दागा जाएगा, तो दुश्मन की धज्जियां उड़ जाएंगी. फाइटर जेट नजदीक जाकर या दूर से भी दुश्मन के बंकरों, अड्डों, कैंपों, टैंकों आदि पर सीधा और सटीक हमला कर सकता है
चार महीने पहले हुआ था ब्रह्मोस के एयर वर्जन का सफल
पिछले साल 8 दिसंबर 2021 वायुसेना के लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमके-1 में ब्रह्मोस मिसाइल के एयर वर्जन का सफल परीक्षण किया था. मिसाइल ने दुश्मन के ठिकाने को ध्वस्त कर दिया. सुखोई-30 एमकेआई (Sukhoi-30 MKI) फाइटर जेट में लगाए गए ब्रह्मोस मिसाइल को पूरी तरह से देश में ही विकसित किया गया है. इसमें रैमजेट इंजन (Ramjet Engine) लगा है. ताकि इसकी गति और सटीकता ज्यादा घातक हो जाए. इससे पहले ब्रह्मोस मिसाइल के एयर वर्जन का सफल परीक्षण जुलाई 2021 में किया गया था.
अन्य फाइटर जेट्स में भी लगेंगी ये मिसाइलें
भारतीय वायुसेना के सुखोई-30MKI फाइटर जेट्स में भी ब्रह्मोस मिसाइलें तैनात हैं. इसकी रेंज 500 किलोमीटर है. भविष्य में ब्रह्मोस मिसाइलों को मिकोयान मिग-29के, हल्के लड़ाकू विमान तेजस और राफेल में भी तैनात करने की योजना है. इसके अलावा पनडुब्बियों में लगाने के लिए ब्रह्मोस के नए वैरिएंट का निर्माण जारी है. अगले साल तक इन फाइटर जेट्स में ब्रह्मोस मिसाइलों को तैनात करने की तैयारी पूरी होने की संभावना है.
टोमाहॉक से दोगुनी तेज, दुश्मन की नजर में नहीं आती ब्रह्मोस मिसाइल
ब्रह्मोस मिसाइल हवा में ही रास्ता बदलने में सक्षम है. चलते-फिरते टारगेट को भी बर्बाद कर देता है. यह 10 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम हैं, यानी दुश्मन के राडार इसे देख ही नहीं पाएगा. यह किसी भी अन्य मिसाइल पहचान प्रणाली को धोखा दे सकती है. इसको मार गिराना लगभग अंसभव है. ब्रह्मोस मिसाइल अमेरिका के टोमाहॉक मिसाइल से दोगुना तेज उड़ती है. यह मिसाइल 1200 यूनिट की ऊर्जा पैदा करती है, जो किसी भी बड़े टारगेट को मिट्टी में मिला सकता है.
ब्रह्मोस मिसाइल के चार नौसैनिक वर्जन
ब्रह्मोस मिसाइल के चार नौसैनिक वैरिएंट्स हैं. पहला- युद्धपोत से दागा जाने वाला एंटी-शिप वैरिएंट (Anti-Ship Variant), दूसरा युद्धपोत से दागा जाने वाला लैंड-अटैक वैरिएंट (Land Attack Variant). ये दोनों ही वैरिएंट भारतीय नौसेना में पहले से ऑपरेशनल हैं. तीसरा- पनडुब्बी से दागा जाने वाला एंटी-शिप वैरिएंट. सफल परीक्षण हो चुका है. चौथा- पनडुब्बी से दागा जाने वाला लैंड-अटैक वैरिएंट. (
इन युद्धपोतों पर तैनात है ब्रह्मोस (Indian Fleet With BrahMos Missile)
भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने राजपूत क्लास डेस्ट्रॉयर INS Ranvir - INS Ranvijay में 8 ब्रह्मोस मिसाइलों वाला लॉन्चर लगा रखा है. इसके अलावा तलवार क्लास फ्रिगेट INS Teg, INS Tarkash और INS Trikand में 8 ब्रह्मोस मिसाइलों वाला लॉन्चर तैनात है. शिवालिक क्लास फ्रिगेट में भी ब्रह्मोस मिसाइल फिट है. कोलकाता क्लास डेस्ट्रॉयर में भी यह तैनात है. INS Visakhapatnam में सफल परीक्षण हो चुका है. इसके बाद भारतीय नौसेना नीलगिरी क्लास फ्रिगेट में भी इस मिसाइल को तैनात करेगी.
नौसैनिक ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत
युद्धपोत से लॉन्च की जाने वाली ब्रह्मोस मिसाइल 200KG वॉरहेड ले जा सकती है. यह मिसाइल 4321 KM प्रतिघंटा की रफ्तार. इसमें दो स्टेज का प्रोप्लशन सिस्टम लगा है. पहला सॉलिड और दूसरा लिक्विड. दूसरा स्टेज रैमजेट इंजन (Ramjet Engine) है. जो इसे सुपरसोनिक गति प्रदान करता है. साथ ही ईंधन की खपत कम करता है
साफ्टवेयर अपडेट करते ही बढ़ती है रेंज
भारत सरकार लगातार टैक्टिकल मिसाइलों की रेंज को बढ़ा रही है. सिर्फ एक सॉफ्टवेयर अपग्रेड करने से मिसाइल की रेंज में 500KM की बढ़ोतरी होती है. भारतीय वायुसेना के 40 सुखोई-30 MKI फाइटर जेट पर ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलें तैनात की हैं. यह मिसाइलें बेहद सटीक और ताकतवर हैं. ये दुश्मन के कैंप को पूरी तरह से तबाह कर सकती हैं.


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