विज्ञान

Black Hole Storm: महाविशाल ब्लैक होल में उठा तूफान, 11 लाख मील प्रतिघंटे की रफ्तार से चल रहीं हवाएं

Tulsi Rao
22 Jun 2021 6:11 PM GMT
Black Hole Storm: महाविशाल ब्लैक होल में उठा तूफान, 11 लाख मील प्रतिघंटे की रफ्तार से चल रहीं हवाएं
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जब यह मैटर ब्लैक होल की ग्रैविटी के कारण तेज गति से बढ़ता है, तो इससे ऊर्जा निकलती है जिससे मैटर बाहर की ओर जा सकता है और इसी से ये हवाएं पैदा होती हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। धरती से 13.1 अरब प्रकाशवर्ष दूर एक महाविशाल ब्लैक होल से तूफान उठ रहा है। इसस निकलने वाली हवाएं 11 लाख मील प्रतिघंटे की रफ्तार से चल रही हैं। चिली में अटाकामा लार्ज मिलीमीटर/सबमिलीमीटर ऐरे (ALMA) में रिसर्चर्स ने इन हवाओं की खोज की है जो बिग बैंग के 80 करोड़ साल बाद निकली थीं। जापान की नैशनल ऐस्ट्रोनॉमिकल ऑब्जर्लवेटरी ऑफ जापान (NAOJ) के ऐस्ट्रोनॉमर्स का कहना है कि इस Titanic स्टॉर्म से यह संकेत मिलता है कि गैलेक्सीज के केंद्र में स्थित ब्लैक होल से गैलेक्सी के विकास को बल मिलता है।

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सूरज से ज्यादा विशाल
टीम का कहना है कि यह इस तरह के तूफान का खोजा जाने वाला पहला उदाहरण है जो ऐसे ब्लैक होल से आ रहा है जो सूरज से अरबों गुना ज्यादा विशाल है। रिसर्चर्स का कहना कि ब्लैक होल का द्रव्यमान गैलेक्सी के केंद्र के अनुपात में होता है। उनके मुताबिक दोनों एक-दूसरे के बढ़ने में भूमिका निभाते हैं। इस तरह की तूफानी हवाएं यही काम करती हैं।
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हालांकि, गैलेक्सी के केंद्र को स्टडी करना आसान नहीं है क्योंकि इसके इर्द-गिर्द गैस और धूल का घना कोहरा होता है। रिसर्चर्स सेंटर को देख नहीं पाते। इसलिए वान्ग ने चंद्र एक्स-रे ऑब्जर्वेटरी का इस्तेमाल किया जो विजिबल लाइट की जगह एक्स-रे देख सकता है। एक्स रे कोहरे को पार करके भी आ सकती हैं। हमारी आकाशगंगा के बीच में स्थित विशाल ब्लैकहोल के पास के क्षेत्र से एक्स-रे उत्सर्जित करने वाला गुबार मिला है। NASA ने भी वान्ग की खोज से सहमति जताई है
इसके अलावा उन्हें यहां एक एक्स-रे का धागा GO.17-9.41 मिला है जो पहली बार देखा गया है। उनका कहना है कि यह एक मैग्नेटिक फील्ड रीकनेक्शन इवेंट का सबूत है। उनका कहना है कि इसके पीछे अभी और ज्यादा जानकारी छिपी है जिसे खोजने की जरूरत है। मैग्नेटिक फील्ड रीकनेक्शन इवेंट तब होते है जब दो अलग-अलग मैग्नेटिक फील्ड (Opposing magneitc fields) एक दूसरे से मिलती हैं और इस प्रक्रिया में बड़ी मात्रा में एनर्जी पैदा होती है। वान्ग ने बताया है कि यह काफी आक्रामक प्रक्रिया होती है।

सूरज में होने वाले विस्फोटों के लिए भी इसे जिम्मेदार माना जाता है। वान्ग का कहना है कि अब ये सवाल खड़े हो गए हैं कि गैलेक्सी के केंद्र से कितनी ऊर्जा बाहर आती है? यह कैसे पैदा होती है और कैसे ट्रांसपोर्ट होती है? गैलेक्सी के ईकोसिस्टम को यह कैसे रेग्युलेट करती है। नई खोज ने आने वाले वक्त में गैलेक्सी के केंद्र पर और ज्यादा रिसर्च की जरूरत साफ कर दी है।
ऐसे पैदा होती हैं हवाएं
महाविशाल ब्लैक होल भारी मात्रा में मैटर को निगल लेता है। जब यह मैटर ब्लैक होल की ग्रैविटी के कारण तेज गति से बढ़ता है, तो इससे ऊर्जा निकलती है जिससे मैटर बाहर की ओर जा सकता है और इसी से ये हवाएं पैदा होती हैं। सुबारू टेलिस्कोप की वाइड-फील्ड की मदद से 13 अरब साल पहले की 100 से ज्याद गैलेक्सी देखी गईं जिनमें महाविशाल ब्लैक होल थे।
इसके बाद ALMA की मदद से गैस के मोशन को डिटेक्ट किया गया। इसके डेटा में पाया गया कि गैस के बहाव से सितारे बनने का मटीरियल गैलेक्सी के बाहर चला जाता है और सितारे बनने बंद हो जाते हैं। इस स्तर पर ऐसी तूफानों का यह पहला उदाहरण है।
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