विज्ञान

वीरान द्वीप पर इंजीनियरों को भूखा छोड़ गए थे अरबपति एलन मस्‍क, किताब का दावा

Gulabi
4 March 2021 1:22 PM GMT
वीरान द्वीप पर इंजीनियरों को भूखा छोड़ गए थे अरबपति एलन मस्‍क, किताब का दावा
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मंगल ग्रह पर शहर बसाने के मिशन में लगे एलन मस्‍क की कंपनी स्‍पेसएक्‍स के बारे में एक किताब में सनसनीखेज दावा किया गया है

मंगल ग्रह पर शहर बसाने के मिशन में लगे अरब‍पति एलन मस्‍क की कंपनी स्‍पेसएक्‍स के बारे में एक किताब में सनसनीखेज दावा किया गया है। इसमें कहा गया है कि अपने शुरुआती दिनों में स्‍पेस एक्‍स कंपनी के इंजीनियर प्रशांत महासागर में स्थित एक द्वीप ओमेलेक पर रहते थे। ओमेलेक पर अक्‍सर खाना खत्‍म हो जाता था। इसी द्वीप पर इंजीनियर लॉन्‍चपैड और फॉल्‍कन 1 रॉकेट के लिए सेटअप बना रहे थे।

आर्स टेक्निका के स्‍पेस एडिटर एरिक बर्गर ने अपनी किताब 'लिफ्ट ऑफ' एलन मस्‍क की कंपनी के शुरुआती दिनों के बारे में बताया है। उन्‍होंने कहा कि मस्‍क की कंपनी शुरुआत कई कहानियों से भरी है। उन्‍होंने कहा कि वर्ष 2005 में एक बार ऐसी स्थिति हो गई थी कि ओमेलेक द्वीप पर कर्मचारियों के लिए खाना खत्‍म हो गया था और वे भुखमरी की कगार पर पहुंच गए थे। इन कर्मचारियों ने विद्रोह कर दिया था।
'कर्मचारियों को बिना खाने के ही रहना पड़ता था'
स्‍पेसएक्‍स के इंजीनियर ओमेलेक द्वीप पर रहते थे और वहीं पर काम करते थे। यह द्वीप मार्शल आईलैंड का हिस्‍सा है। दरअसल, अमेरिकी वायुसेना से बचने के लिए एलन मस्‍क इस द्वीप पर आए थे। अमेरिकी वायुसेना ने कैलिफोर्निया से लॉन्‍च करने के कंपनी के प्रयासों में अनिश्चित काल के लिए देरी कर दी थी। इस बीच मस्‍क की अमेरिकी सेना के साथ बनती थी और यह द्वीप अमेरिकी सेना के नियंत्रण में था।
मस्‍क ने सम्‍मेलन में कहा, 'मैं समझता हूं क‍ि मंगल पर स्‍वत: संचालित शहर बसाने के लिए एक लक्ष्‍य का निर्धारण करना काफी मददगार है। हमारा लक्ष्‍य कुछ लोग या अड्डा नहीं बल्कि एक स्‍वत: संचालित शहर बसाना होना चाहिए।' उन्‍होंने कहा कि यह परीक्षण करना जरूरी है कि क्‍या अगर पृथ्‍वी से किसी वजह से सप्‍लाइ बंद हो जाए या परमाणु विनाश हो जाए तो मंगल ग्रह पर इंसानी बस्ती खत्‍म हो जाएगी या नहीं। मस्‍क ने कहा कि यदि ऐसा होता है तो हम एक सुरक्षित स्‍थान पर नहीं हैं। उन्‍होंने कहा, 'क्‍या हम तीसरे विश्‍वयुद्ध से पहले या बाद में मंगल ग्रह पर एक इंसानी ब‍स्‍ती बसाने में सफल हो जाएंगे? मैं आशा करता हूं कि कभी तीसरा विश्‍वयुद्ध न हो लेकिन अगर ऐसा होता है तो मंगल ग्रह पर ब‍स्‍ती बसाने की संभावना कम हो जाएगी। स्‍पेसएक्‍स के सीईओ ने कहा कि हमें किसी तीसरे विश्‍वयुद्ध से पहले मंगल ग्रह पर एक स्‍वत: संचालित शहर बसाने का प्रयास करना चाहिए।
टेस्‍ला के संस्‍थापक मस्‍क ने कहा कि मानवता इस समय कई संभावनाओं का सामना कर रही है। इसमें एक भीषण युद्ध, महाविनाशक ज्‍वालामुखी विस्‍फोट या उल्‍कापिंड का गिरना या हम खुद ही अपने आपको मार लें। उन्‍होंने कहा कि अगर स्‍पष्‍ट तौर पर कहें तो इंसानी सभ्‍यता मुझे बहुत ज्‍यादा शक्तिशाली नहीं लग रही है। हम अभी जर्जर नजर आ रहे हैं। मस्‍क ने कहा कि मंगल ग्रह हमारे ल‍िए तब तक बचने की जगह नहीं हो सकता है जब तक कि वहां पर एक स्‍वत: संचालित शहर न बसा लिया जाए। उन्‍होंने यह भी कहा कि यह संभवत: उनके जीवन काल में नहीं होने जा रहा है। अरबपति उद्योपति ने कहा, 'यह अपने आप में निरर्थक है कि आप किसी ऐसी जगह पर जा रहे हैं जहां पर आपको पता है कि आप मर जाएंगे लेकिन आपके पास लाइफबोट नहीं है।' उन्‍होंने कहा कि यह मानवता के खत्‍म होने के खतरे को कम करेगा और वह कई ग्रहों की यात्रा करने वाला बन सकेगा।
एलन मस्‍क ने अपने स्‍टारशिप हैवी लिफ्ट रॉकेट का दूसरा टेस्‍ट किया है। इसी स्‍टारशिप के जरिए ही एलन मस्‍क ने मंगल ग्रह पर इंसानी बस्तियां बसाने का दांव लगाया है। हालांकि दोनों ही परीक्षण आंशिक ही सफल रहे हैं। ये वाहन सफलतापूर्वक उड़े और वापस भी आए लेकिन उन्‍होंने हार्ड लैंडिंग की जिससे वे नष्‍ट हो गए। इससे पहले धरती के सबसे अमीर अरबपति एलन मस्‍क (Elon Musk) ने चेतावनी दी थी कि अगर इंसान ने जल्‍द से जल्‍द पृथ्‍वी को नहीं छोड़ा और दूसरे ग्रहों की यात्रा शुरू नहीं की तो मानवता का खत्‍म होना निश्चित है। स्‍पेसएक्‍स कंपनी के मालिक मस्‍क (49) लंबे समय से यह मांग करते रहे हैं कि इंसानों को दूसरे ग्रहों पर भेजा जाना चाहिए ताकि मानवता के भविष्‍य को सुरक्षित रखा जा सके। अमेरिका के अपोलो यान के चंद्रमा पर लैंडिंग के 49 साल बीत चुके हैं और इंसान अभी तक किसी अन्‍य ग्रह या चंद्रमा पर फिर कभी नहीं गया है।
मस्‍क की योजना है कि अगले 10 साल के अंदर पृथ्‍वी के सबसे नजदीकी ग्रह मंगल पर कदम रखा जाए और वहां पर इंसानों को बसाने का काम शुरू किया जाए। इंसान के सबसे करीब चंद्रमा और मंगल ग्रह ही हैं। शुक्र और बुध ग्रहों पर रहा नहीं जा सकता है। मंगल के अलावा बृहस्‍पति और शनि ग्रह हैं जहां वातावरण गैसों से भरा हुआ है। हालांकि उनके चंद्रमा पर जाया जा सकता है। अरबपति एलन मस्‍क की इच्‍छा केवल इन ग्रहों की यात्रा तक सीमित नहीं है। वह इंसानी बस्तियां बसाना चाहते हैं। मस्‍क ने लोगों को मंगल ग्रह पर खुद से ही खुद को चलाने वाले शहरों के महत्‍व के बारे में बताया। उन्‍होंने यह भी कहा कि इस तरह के शहर को बनाकर ही हम इंसानी 'चेतना' को लंबे समय बचा सकते हैं। एलन मस्‍क ने कहा कि धीरे-धीरे हम इसका सामना कर रहे हैं कि क्‍या हम एक ऐसे जीव बनेंगे जो एक ग्रह से दूसरे ग्रह जा सकेगा या नहीं। उन्‍होंने कहा कि हम इससे आश्‍चर्य में आ जाएंगे कि ब्रह्मांड में कई ऐसी खत्‍म हो चुकी सभ्‍यताएं होंगी जो करोड़ों साल तक विकास करने के बाद आंतरिक या बाह्य कारणों से धीरे-धीरे खत्‍म हो गई होंगी।
धरती के सबसे अमीर इंसान मस्‍क ने कहा कि आप मिस्र को देख सकते हैं। करीब 5 हजार साल पहले वहां पर गीजा का एक महान पिरामिड था लेकिन बाद में वहां रह रहे लोग यह भूल गए कि पिरामिड का निर्माण कैसे करना है। इसके बाद वे यह भी भूल गए कि चित्रलिपि को कैसे पढ़ना है। मस्‍क


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