विज्ञान

वैज्ञानिकों को बड़ा झटका! अंतरिक्ष के खतरों से आगाह करने वाला टेलीस्कोप Arecibo का हुआ ये हाल

Gulabi
2 Dec 2020 12:15 PM GMT
वैज्ञानिकों को बड़ा झटका! अंतरिक्ष के खतरों से आगाह करने वाला टेलीस्कोप Arecibo का हुआ ये हाल
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इस वक्त विज्ञान जगत के लोग सदमे में हैं,

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नई दिल्लीः इस वक्त विज्ञान जगत के लोग सदमे में हैं, क्योंकि उन्होंने एक ऐसी चीज को खो दिया है जिससे वे एक जगह बैठकर ही खगोलीय रहस्यों के बारे में जानकारी हासिल कर लेते थे. दरअसल, यहां बात हो रही है विशालकाय टेलीस्कोप Arecibo की, जो 1 दिसंबर को पूरी तरह से ढह गया है. यह टेलीस्कोप प्यूर्टो रीका में स्थापित था, जिसने वैज्ञानिकों की लंबे समय तक काफी मदद की थी. लिहाजा विज्ञान जगत से ताल्लुक रखने वाले लोग इसके ढह जाने से बेहद परेशान हैं. यह नुकसान कितना बड़ा है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि देश की मीटियरॉलजिस्ट अदा मोनजन इसके में बात करते हुए रो पड़ीं.


विश्व का सबसे बड़ा टेलीस्कोप मानते थे वैज्ञानिक
मीटियरॉलजिस्ट अदा मोनजन ने आधी शताब्दी से भी ज्यादा वक्त तक धरती पर बैठकर अंतरिक्ष के रहस्यों को सुलझाने और जानकारी देने वाले इस Arecibo के ढहने को वैज्ञानिकों के लिए एक बड़ा नुकसान बताया है. इस घटना के बारे में जानकारी देते हुए वे काफी भावुक नजर आईं और उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े. अदा ने बताया कि Arecibo को बचाने की काफी कोशिशें की गईं लेकिन अफसोस अब यह पूरी तरह से ढह चुका है. वैज्ञानिक इसे दुनिया का सबसे बड़ा रेडियो टेलीस्कोप मानते थे.

ये थी Arecibo की खासियत
वैज्ञानिकों को इस बात की चिंता सताए जा रही है कि अब धरती पर बैठकर अंतरिक्ष से आने वाले खतरों के बारे में जानकारी देने वाला एक यंत्र खत्म हो गया है. Arecibo के जरिए वैज्ञानिक अंतरिक्ष में घूमते विशाल स्पेस रॉक्स की स्टडी करते थे. प्लैनेटरी रडार टीम को लीड करने वाली ऐनी विर्की का कहना है, 'Arecibo की जगह कोई दूसरा टेलीस्कॉप नहीं ले सकता. इसका रडार ट्रांसमीटर किसी ऑब्जेक्ट की ओर लाइट भेजता था जो टकराकर वापस लौटती थी तो इसकी रेडियो डिश इस सिग्नल को पकड़ती थी. इससे वैज्ञानिकों को ऐस्टरॉइड्स की स्थिति, आकार और सतह के बारे में जानकारियां मिलती थीं.'
ये है टेलीस्कोप ढहने की वजह
Arecibo का 900 टन का प्लैटफॉर्म 400 फीट नीचे रिफ्लेक्टर डिश पर जार गिरा. US नेशनल साइंस फाउंडेशन ने पहले ही इसे बंद करने का ऐलान किया था. NSF ने घटना का जिक्र करते हुए बताया कि इस हादसे में कोई घायल नहीं हुआ है. बताया जा रहा है कि Arecibo काफी जर्रर हालत में था. उसका ऑग्जिलरी केबल अगस्त में कट गया था जिससे 1000 फुट चौड़ी रिफ्लेक्टर डिश पर लगभग 100 फुट का कट लग गया था. यही वजह रही कि ऊपर लटक रहा प्लैटफॉर्म क्षतिग्रस्त हो गया. Arecibo का मेन केबल नवंबर की शुरुआत में टूट गया था. यूनिवर्सिटी ऑफ प्यूर्टो रीका में ऐस्ट्रोनॉमर और प्रोफेसर कार्मेन पंटोजा ने इसे एक बड़ी त्रासदी बताई. NSF ने कहा कि साइंटिफिक कम्युनिटी की मदद और प्यूर्टो रीका के लोगों के साथ संबंध मजबूत करने के लिए दूसरे तरीकों पर काम किया जाएगा.

वैज्ञानिकों ने खो दिया अनमोल रत्न
Arecibo में दशकों तक काम करने वाले वैज्ञानिक डॉ. जोनाथन फ्रीडमेन ने इस हादसे को एक 'तूफान' की तरह बताया. उन्होंने कहा कि पहले तो ऐसा लगा जैसे तेज बारिश के साथ तीव्र गति का भूकंप आया हो. कुछ क्षण तक बादलों की गड़गड़ाहट भी सुनाई दी. मीटियरॉलजिस्ट डेबोरा मारटोरेल ने घटना पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, 'इसे टाला जा सकता था. उन्होंने कहा कि नौकरशाही ने बैठकर इंतजार किया कि NSF प्लैटफॉर्म को ढहाए. उन्होंने कहा कि Arecibo विज्ञान जगत का रत्न थी और यह विश्वास करना मुश्किल है कि अब वह नहीं है.'


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