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विज्ञान
मंगल ग्रह से बड़ी खबर, जीवन के बारे में सामने आई ये बात
jantaserishta.com
30 Jun 2022 3:45 AM GMT
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
वॉशिंगटन: नासा (NASA) के क्यूरियोसिटी (Curiosity Rover) और पर्सिवरेंस रोवर (Perseverance Rover) मंगल ग्रह (Mars) की सतह पर प्रचीन जीवन के सबूत ढूंढ रहे हैं. लेकिन अब पता चला है कि इन सबूतों को पाने के लिए हमें शायद काफी गहराई तक खुदाई करनी पड़ सकती है.
अगर मंगल ग्रह पर जीवन था तो उस समय के बचे हुए अमीनो एसिड का कोई भी सबूत, जमीन से कम से कम 6.6 फीट नीचे दबा हो सकता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि मंगल पर चुंबकीय क्षेत्र नहीं है और कमजोर वातावरण की वजह से इसकी सतह पर कॉस्मिक रेडिएशन पृथ्वी के मुकाबले कहीं ज्यादा है. और कॉस्मिक रेडिएशन से अमीनो एसिड नष्ट हो जाता है.
नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर (Goddard Space Flight Center) के भौतिक विज्ञानी अलेक्जेंडर पैवलोव (Alexander Pavlov) का कहना है कि मंगल ग्रह की सतह पर चट्टानों और रेगोलिथ (regolith) में कॉस्मिक रेडिएशन, अमीनो एसिड को जितना पहले सोचा गया था उससे कहीं ज्यादा तेजी से नष्ट कर देती है.
मार्स एक्सप्लोरेशन के लिए कॉस्मिक रेडिएशन एक बड़ी समस्या है. पृथ्वी पर इंसान हर साल करीब 0.33 मिलीसीवर्ट कॉस्मिक रेडिएशन के संपर्क में आता है. मंगल ग्रह पर, सालाना एक्सपोजर 250 मिलीसीवर्ट से ज्यादा हो सकता है.
एस्ट्रोबायोलॉजी (Astrobiology) में प्रकाशित हुए शोध के मुताबिक, पैवलोव और उनकी टीम मंगल ग्रह की सतह पर अमीनो एसिड के प्रमाण मिलने की संभावना को बेहतर ढंग से समझना चाहती थी. इसलिए उन्होंने एक प्रयोग किया.
उन्होंने सिलिका, हाइड्रेटेड सिलिका, या सिलिका और पर्क्लोरेट्स (साल्ट) को मिलाकर मंगल ग्रह जैसी मिट्टी बनाई और उसमें मिनरल्स के साथ अमीनो एसिड मिलाया. फिर उन्हें टेस्ट ट्यूबों में सील कर दिया. अलग-अलग टेस्ट ट्यूब मंगल के अलग-अलग तापमानों पर, ग्रह के वातावरण को दर्शाती है. फिर, टीम ने उसपर रेडिएशन छोड़ी. इस प्रयोग ने मिट्टी के सिमुलेंट छोड़कर, अमीनो एसिड को नष्ट कर दिया.
इससे पता चला कि सिलिकेट्स, खासकर परक्लोरेट्स वाले सिलिकेट्स, अमीनो एसिड को नष्ट करने की दर को बहुत ज्यादा बढ़ा देते हैं. इसका मतलब है कि मंगल ग्रह की सतह पर किसी भी तरह का अमीनो एसिड जो करीब 10 करोड़ साल पुराना होगा, वह नष्ट हो चुका होगा.
इसलिए मंगल ग्रह पर अमीनो एसिड को खोजना है तो सतह से थोड़ा और गहराई में खोदना होगा. यानी 6.6 फीट गहरा. आपको बता दें कि मार्स के रोवर करीब 2 इंच तक ही ड्रिल कर सकते हैं.
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