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चंद्रमा के सबसे दूर क्षेत्र की ओर जाने वाले पहले रोवर, चीन के युतु-2 ने इस हिल्ले और अन्य इलाकों के बीच बड़ा अंतर महसूस किया है
चंद्रमा के सबसे दूर क्षेत्र की ओर जाने वाले पहले रोवर, चीन के युतु-2 ने इस हिल्ले और अन्य इलाकों के बीच बड़ा अंतर महसूस किया है। यहां रोवर को अधिक चिपचिपी मिट्टी, और ज्यादा छोटी चट्टानें और क्रेटर मिले हैं। चंद्रमा के लिए कई चालक दल और बिना चालक दल के खोजी मिशनों के बावजूद चंद्रमा का यह हिस्सा अभी तक अज्ञात ही रहा है। इसका बड़ा कारण यहां से पृथ्वी के बीच होने वाली संचार में कठिनाई है। लेकिन 2019 में चीन के चांग'ई 4 मिशन ने युतु-2 रोवर को खोज के लिए इस सतह पर उतारा।
हार्बिन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के लिआंग डिंग और उनके सहयोगियों ने युतु-2 के चारों और घूमने की तकनीक, रडार और स्पेक्ट्रोमेट्री का इस्तेमाल करके जांच के आधार पर दूर के क्षेत्र की मिट्टी की विशेषता और प्रकृति का अनुमान लगाया है। शोधकर्ताओं ने पाया कि रोवर चंद्रमा के निकट वाले हिस्से की तुलना में कम फिसल रहा है। यह दर्शाता है कि दूर की मिट्टी अपेक्षाकृत सपाट है। मिट्टी भी रोवर के छह पहियों से आसानी से चिपकी हुई दिखाई दी, जिसका अर्थ है कि यह शायद अधिक चिपचिपी है।
भविष्य के रोवर को डिजाइन करने में मिलेगी मदद
यह वैज्ञानिकों को भविष्य के चंद्र रोवर्स को डिजाइन करने में मदद करेगा। मिट्टी की प्रकृति और चट्टानों के वितरण को समझने से हमें चंद्रमा की सतह के इतिहास को बेहतर तरीक से समझने में मदद मिल सकती है। ब्रिटेन की लैंकेस्टर यूनिवर्सिटी के लियोनेल विल्सन कहते हैं, 'छोटी चट्टानों का एक बड़ा अनुपात शायद सतह की उम्र से जुड़ा हुआ है।' युतु-2 रोवर को एक क्रेटर के नीचे गहरे हरे रंग की, चमकदार सामग्री भी मिली, जो अपोलो मिशन के नमूनों में पाए जाने वाले कांच की सामग्री के समान थी।
चंद्रमा पर सक्रिय चीन के दो मिशन
चीन के दो मिशन चांद की सतह पर पहले से ही मौजूद हैं। इसमें चेंग-ई-3 नाम का स्पेसक्राफ्ट 2013 में चांद के सतह पर पहुंचा था। जबकि जनवरी 2019 में चेंग-ई-4 चांद की सतह पर लैंडर और युटु-2 रोवर के साथ लैंड किया था। बताया जा रहा है कि ये मिशन अब भी एक्टिव हैं। सौर ऊर्जा से चलने वाले युतु 2 और चांग'ई 4 लैंडर ने 3 जनवरी, 2019 को चंद्रमा के सबसे दूर लैंडिंग की थी। इसमें से युतु-2 चंद्रमा पर 186 किलोमीटर में फैले वॉन कार्मन क्रेटर में छानबीन कर रहा है।
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