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विज्ञान
बड़ा खुलासा: वैज्ञानिकों ने लगा लिया अंदाजा, जानिए इंसान अधिकतम कितने साल तक रह सकता है जिंदा?
jantaserishta.com
27 May 2021 5:25 AM GMT
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आपने सबसे उम्रदराज इंसान के बारे क्या सुना है. यही कि वो 114 साल का है या 116 साल का. लेकिन क्या आपको ये पता है कि इंसान अधिकतम कितने साल तक जिंदा रह सकता है. वैज्ञानिकों ने इस बात का अंदाजा लगा लिया है कि इंसान अधिकतम कितने साल तक जिंदा रह सकता है. नेचर कम्यूनिकेशन में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक इंसान की अधिकतम उम्र 150 साल हो सकती है. आइए जानते हैं कि वैज्ञानिकों ने ये गणना कैसे की...
सिंगापुर के वैज्ञानिकों ने इंसान की अधिकतम उम्र मापने के लिए खास तरह के इंडिकेटर्स बनाए. इन इंडिकेटर्स को डायनेमिक ऑर्गेनिज्म स्टेट इंडिकेटर (DOSI) कहते हैं. इससे यह पता चलता है कि किसी इंसान का शरीर अधिकतम कितनी उम्र तक उसका साथ दे सकता है. इसके लिए खास तरह से खून की जांच भी करनी होती है. इन वैज्ञानिकों ने खून की जांच करने के बाद अपने बनाए इंडिकेटर्स के साथ मैच कराकर देखा. जिससे ये पता चला कि अगर सेहत सही रही और परिस्थितयां इंसान के शरीर के अनुकूल रहीं तो वह 150 साल तक जिंदा रह सकता है.
शोधकर्ताओं ने उम्र संबंधी वैरिएबल्स और उम्र घटने की ट्रैजेक्टरी को सिंगल मैट्रिक में डालकर देखा. इससे संभावित अधिकतम उम्र निकल कर सामने आती है. उम्र का बढ़ना बायोलॉजी की भाषा में उस स्थिति को कहते हैं जब शरीर के अंग कम काम करते हैं और शरीर बीमारियों से संक्रमित होता रहता है. चाहे वह कैंसर हो, मानसिक दिक्कत हो या दिल संबंधी बीमारियां हों. दूसरा बड़ा कारण है शरीर के DNA का लगातार विभाजन होते चले जाना. इसकी वजह से बीमारियां ज्यादा असर करती हैं और शरीर और उसके अंग साथ देना छोड़ देता है.
अब बात करते हैं खून के जांच से उम्र का पता लगाने की. वैज्ञानिकों ने उम्र के अलग-अलग पड़ाव वाले इंसानों का ब्लड सैंपल लिया. उसका कंप्लीट ब्लड काउंट (CBC) जांचा गया. इस जांच में खून में मौजूद सफेद रक्त कोशिकाएं, लाल रक्त कोशिकाएं और प्लेटलेट्स की मात्रा देखी जाती है. घटते उम्र की ट्रैजेक्टरी और CBC के आंकड़ों को मिलाकर देखा तो पता चला कि किस उम्र में कौन सी संभावित बीमारी क्या असर कर सकती है. साथ ही शरीर कितने तरह की बीमारियों से संघर्ष कर सकता है.
ये इंडिकेटर्स शरीर की फिजिकल क्षमता को बताते हैं. जिन लोगों की लाइफस्टाइल अच्छी नहीं है उनका DOSI ये बताता है कि वो कम उम्र तक जीते हैं. DOSI में हमेशा गंभीर बीमारियों से नहीं जोड़ा जाता. ये सामान्य बीमारियों के आधार पर ही शरीर की उम्र का पता लगाता है. इससे यह पता चलता है कि इंसान का शरीर किस तरफ जा रहा है. वह कितने दिन तक स्वस्थ रह सकता है. अगर किसी इंसान को कोई बीमारी न हो और उसकी लाइफस्टाइल सही है तो वह लंबी उम्र का मालिक बन सकता है.
जब वैज्ञानिकों ने स्वस्थ लोगों की जांच की तो पता चला कि उनका DOSI भविष्य में होने वाली संभावित बीमारियों को तो बता सकता है, लेकिन वर्तमान में किसी बीमारी की चेतावनी नहीं देता. क्योंकि उनके जीने का तरीका सही है. फिर वैज्ञानिकों ने DOSI के स्तर को बढ़ाकर देखा. ताकि अधिकतम संभावित उम्र का पता किया जा सके. क्योंकि DOSI बढ़ती उम्र के साथ-साथ बढ़ता है.
DOSI और बढ़ती उम्र का आपसी संबंध ये बताता है कि अगर शरीर के सभी अंग संतुलित तरीके से काम कर रहे हैं. कोई गंभीर क्रॉनिक बीमारी नहीं है. जीवन जीने का तरीका सही है तो इंसान 120 से 150 साल तक की उम्र को हासिल कर सकता है. वैज्ञानिकों ने यह भी बताया कि भविष्य में कितनी भी तकनीक आ जाएं लेकिन उम्र के बढ़ने को कम नहीं किया जा सकेगा.
बढ़ती उम्र के साथ शरीर की फिजिकल और एनाटॉमिकल यानी बाहरी और अंदरूनी क्षमता कम होती ही है. इस पर और घातक काम करती हैं बीमारियां. आज के दौर में लाइफस्टाइल संबंधी बीमारियां ज्यादा हो रही हैं. ऐसे में इंसान की औसत उम्र कम होती जा रही है. उम्र को बढ़ाने के लिए कोई तकनीक या थैरेपी काम नहीं आएगी. इसके लिए इंसान को बेहतर जीवन जीने का तरीका सीखना होगा.
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