विज्ञान

सूर्य जितना पुराना है बेनु, हर 4.5 घंटों में होती है दिन रात

Subhi
26 July 2022 1:30 AM GMT
सूर्य जितना पुराना है बेनु, हर 4.5 घंटों में होती है दिन रात
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धरती पर नमूने लाने के लिए भेजा गया अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा का ओसारस रेक्स यान क्षुद्र ग्रह बेनु की सतह पर उतरने के बाद से लगातार वैज्ञानिकों को चौंका रहा है.

धरती पर नमूने लाने के लिए भेजा गया अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) का ओसारस रेक्स (OSIRIS-REx) यान क्षुद्र ग्रह बेनु (Bennu) की सतह पर उतरने के बाद से लगातार वैज्ञानिकों को चौंका रहा है.

नासा के वैज्ञानिकों ने ओसारस रेक्स यान से भेजें गए डाटा से पता लगाया है कि पृथ्वी के मुकाबले इस क्षुद्र ग्रह पर सूर्य की गर्मी से महज 10,000 से 100,000 वर्षों में ही चट्टानों का पर क्रैक आ जाते हैं.

सटीक जानकारी के लिए वैज्ञानिकों ने यान से भेजें गए हाई रिज़ॉल्यूशन फोटोज का विश्लेषण किया हैं. इन फोटोज से क्षुद्रग्रह बेनु पर दिख रहें रॉक फ्रैक्चर का अध्ययन किया गया. प्राप्त जानकारी वैज्ञानिकों को यह अनुमान लगाने में मदद करेगी कि बेनु जैसे क्षुद्रग्रहों पर चट्टानों को छोटे कणों में टूटने में कितना समय लगता है.

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यूनिवर्सिटी कोटे डी'ज़ूर फ्रांस के वरिष्ठ वैज्ञानिक मार्को डेल्बो ने कहा कि सुनने में दस हजार साल एक बहुत लंबा समय लग सकता है, लेकिन भूवैज्ञानिक रूप से यह बहुत कम समय है.

उन्होंने आगे कहा कि उन्हें यह जानकर आश्चर्य हुआ कि क्षुद्रग्रहों पर इतनी जल्दी कोई चट्टान टूट और फिर से बन सकती है. तेजी से तापमान में होने वाले परिवर्तन के कारण ऐसा होता है. जैसे एक समय में ग्लास को ठंडा और गर्म करने से उसमे क्रैक आ जाते हैं.

बेनु पर हर 4.3 घंटों में रात दिन की प्रक्रिया चलती है. दिन में तापमान करीब 127 सेल्सियस पहुंच जाता है, तो रात में माइनस 23. इतनी जल्दी तापमान में होने वाले बदलाव के कारण बेनु की चट्टानों पर ऐसे बदलाव देखे जाते हैं.

डेल्बो और उनके सहयोगियों ने 1500 से अधिक कोण से इन फ़्रैक्टर्स का विश्लेषण किया हैं. यह फ्रैक्चर टेनिस रैकेट से लेकर टेनिस कोर्ट जितने विशाल थे.

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वैज्ञानिकों को करीब एक हफ्ते का समय यह पता लगाने में लगेगा कि क्या यान नमूना एकत्र करने में कामयाब हुआ है या दोबारा कोशिश करनी होगी. अगर यह सफल होता है तो वर्ष 2023 में यान नमूना लेकर धरती पर लौटेगा. डेनेवर स्थित भू नियंत्रण केंद्र से दिए गए निर्देश के अनुरूप यान को बेनु की कक्षा से सतह के करीब पहुंचने में करीब साढे चार घंटे का समय लगा.

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