विज्ञान

विलुप्त हो रही हैं मधुमक्खियां, नहीं दिया ध्यान तो होगा भारी नुकसान, वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी

Gulabi
15 Feb 2021 1:16 PM GMT
विलुप्त हो रही हैं मधुमक्खियां, नहीं दिया ध्यान तो होगा भारी नुकसान, वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी
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हम अपने आस-पास जब भी मधुमक्खियों को देखते हैं तो उससे बचने के चक्कर में उसे भगा देते हैं या मार देते हैं

हम अपने आस-पास जब भी मधुमक्खियों को देखते हैं तो उससे बचने के चक्कर में उसे भगा देते हैं या मार देते हैं. मधुमक्खियों (Bees) को लेकर दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने गंभीर चिंता जताई है. बेंगलुरु के गांधी कृषि विज्ञान केंद्र की यूनिवर्सिटी ऑफ ऐग्रिकल्चरल साइंसेज में वैज्ञानिक डॉ. वासुकी बेलावडी ने मधुमक्खियों (Bees) की घटती संख्या को लेकर चिंता जताया है.


वैज्ञानिक डॉ. वासुकी बेलावडी ने बताया कि दुनिया में मधुमक्खियों की करीब 20,507 प्रजातियां हैं जिनमें से एक दर्जन प्रजातियां शहद पैदा करने वाली यानी Honey Bees होती हैं. मधुमक्खियों की सभी प्रजातियां फसलों और जंगलों के लिए जरुरी हैं. भारत में 723 प्रजातियां रहती हैं. अभी और भी ज्यादा खोजी और पहचानी जानी हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि मधुमक्खियों की मौजूदगी का असर कई इंसानी गतिविधियों पर पड़ता है.

क्या है वजह?
मधुमक्खियों के प्रजातियों के विलुप्त होने को लेकर पेन स्टेट यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट्स की एक स्टडी में बताया गया है कि मधुमक्खियों पर जलवायु परिवर्तन का असर (climate change impact on bees population) उनके घर छिनने लगे हैं. ज्यादा तापमान और लंबे गर्मी के मौसम की वजह से पौधों और फूलों की संख्या और विविधता में कमी आई है. यही कारण है कि जंगली मधुमक्खियों के लिए भी संकट पैदा हो गया है.

दिखें बड़े परिवर्तन
मधुमक्खियों के गायब होने के बारे में अर्जंटीना के रिसर्चर्स ने सिटिजन-साइंस प्रॉजेक्ट्स और डेटाबेस के आधार पर स्टडी की गई. इस स्टडी में पाया है कि साल 2006 से 2015 के बीच 1990 से पहले के मुकाबले 25% प्रजातियां कम रिकॉर्ड की गई हैं. वहीं डॉ. वासुकी बताते हैं कि कई तरह की इंसानी गतिविधियों की वजह से यह हो रहा है, इसमें एक बड़ा कारण कीटनाशकों का अत्याधिक इस्तेमाल करना हो सकता है.

खाने की लाले पड़ सकते हैं
मधुमक्खियों का सम्बन्ध इंसानी जीवन से सीधा है. डॉ. वासुकी कहते हैं, मधुमक्खियां कई फसलों और जंगली पौधों के परागण (Pollination) का काम करती हैं लेकिन लोगों को समझना होगा कि कई सौ ऐसी मधुमक्खियां हैं जो इस मामले में बेहद अच्छा काम कर रही हैं. जंगली मधुमक्खियों की मदद से होने वाला परागण हजारों जंगली पौधों के पैदा होने की वजह बनते हैं. ये वनस्पति विज्ञान पर बड़ा असर डालते हैं. करीब 85% फसलें इनकी वजह से सुनिश्चित होती हैं. अगर इसी तरह मधुमक्खियों की संख्या कम होगी लोगों को फसल कम मिलेंगे. इससे खाने की व्यवस्था में दिक्कत का सामना कारण पड़ सकता है.


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