विज्ञान

गैलेक्सी के केंद्र में है एक सुपरमासिव ब्लैक होल

Rani Sahu
15 Jan 2022 2:00 PM GMT
गैलेक्सी के केंद्र में है एक सुपरमासिव ब्लैक होल
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हर गैलेक्सी के केंद्र में एक सुपरमासिव ब्लैक होल (Supermassive Black Hole) होता है

हर गैलेक्सी के केंद्र में एक सुपरमासिव ब्लैक होल (Supermassive Black Hole) होता है. हमारी मिल्की वे गैलेक्सी के केंद्र में भी एक है जिसे सैजिटेरिसयस ए (Sagittarius A) कहा जाता है. अभी तक इस ब्लैक होल के बारे में हमारे वैज्ञानिकों को काफी कम जानकारी है लेकिन नासा के हबल टेलीस्कोप (Hubble Telescope) की तस्वीरों के अध्ययन से पता चला है इस ब्लैकहोल में जेट की तरह लीकेज है. हबल इस जेटकी सपष्ट तस्वीर तो नहीं ले सका है, लेकिन शोधकर्ताओं को इस बात के प्रमाणज रूर मिले हैं कि इससे हाइड्रोजन का एक बड़ा बादल खिसक रहा है.

खास सक्रियता के प्रमाण
इस बात के भी प्रमाण मिले हैं को 41 लाख सूर्यों के भार वाला ब्लैक होल सोता हुआ पिंड नहीं है बल्कि इसमें जाते हुए तारों और गैसे बादलों के निगलने की प्रक्रिया के साथ बीच बीच में सक्रिय भी हो जाता है और डकार लेता सा दिखाई देता है. ब्लैक होल आमतौर पर एक्रीशन डिस्क में मौजूद पदार्थ को अंदर खींचता है जबकि कई बार उससे पदार्थ आयनीकृत विकिरण की एक पतली धारा के रूप में बाहर भी निकलते हैं.
डकार लेता है ब्लैक होल
चैपल हिल की नॉर्थ कैरोलीना यूनिवर्सटी की जिराल्ड सैसिल ने बताया कि केंद्रीय ब्लैक होल बहुत ही गतिमान होकर विविधाताएं लेता है और फिलहाल वह कमजोर है. सैसिल ने एक जिगसॉ पहेली की तरह बहुत से टेलीस्कोप से लिए गए बहुत तरंगीय अवलोकनों का जोड़ा जिससे पता चलता है कि जब भी ब्लैक होल गैस के बादल जैसा कुछ भारी निगलते हैं तो छोटी जेट निकाल कर 'डकार' लेते हैं.
दो स्रोतों से मिले थे संकेत
सैसिल की अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं की टीम नेअपना य अध्ययन हाल ही में एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में प्रकाशित किया है. साल 2013 में नासा की चंद्रा एक्स रे वेधशाला की एक्सरे और न्यूमैक्सिको में सोकोरो के जेन्सकी वेरी लार्ज एरे टेलीस्कोप की रेडियो तरंगो से इस बात के सबूत मिले थे कि ब्लैक को पास से दक्षिणी जेट उत्सर्जन कर रही है. यह जेट भी अपने पास गैस में 'खुदाई' करती सी दिख रही थी.
पुराने आंकड़ों का अध्ययन
शोधकर्ता यह जानने का प्रयास कर रहे थे कि क्या दूसरी तरफ की जेट भी चल रही है या नही. सबसे पहले उन्होंने चिली स्थित आल्मा वेधशाल के पुराने स्पैक्ट्रम के आंकड़े देखे जिनमें मिथाइल अल्कोहल और कार्बन मोनो सल्फाइड जैसे अणुओं के स्पैक्ट्रम भी शामिल थे. आल्मा टेलीस्कोप गैक्सी के मध्य और हमारे बीच धूल की दीवार के पार से आ रही तरंगों को भी देख सकता है.
बदलों में घुसा जेट का पदार्थ
सैसिल ने हबल से मिली इंफ्रा तरंगों की तस्वीरों से एक गर्म चमकती गैस के संकेत देखे जो ब्लैक होल से 35 प्रकाशवर्ष दूर की जेट से संरेख थे. टीम ने सुझाया कि इसी बिंदु के आसपस जेट बादलों में घुस गया था और इससे बुलबुला फूल गया था. धुंधली पड़ती जेट के यह प्रभाव दिखाई दे रहे थे.
बुलबुलों की शृंखला
गैस के बादलों से टकारने के कारण जेट का पदार्थ कई धाराओं में बंट गया जो मिल्की वे की घनी गैस की डिस्क में घुस गईं. इस बहाव से विस्तारित होते बुलबुलों की शृंखला निकली जो 500 प्रकाशवर्ष तक फैली थी. इस सरंचना को अलग अलग वेवलेंथ के जरिए दूसरे टेलीस्कोप ने पकड़ा था.
शोधकर्ताओं ने सुपरकम्प्यूटर के प्रतिमानों को चला कर सिम्यूलेशन वाल मिल्की वे डिस्क में जेट उत्सर्जन किया और अवलोकनों के नतीजे फिर से निकाले. पुराने अवलोकनों से शोधकर्ताओं को पता चला कि 24 लाख साल पहले ब्लैक होल में धाराएं प्रस्फोटित हुई थीं. इसके प्रभाव से आज भी गैस के बादल चमक रहे हैं. यह चमक अगली जेट से और चमकदार हो जाएगी.
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