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विज्ञान
अंतरिक्ष यात्रियों ने पूरा किया स्पेसवॉक, इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में लगाए नए सोलर पैनल
Deepa Sahu
21 Jun 2021 5:35 PM GMT
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नासा ने कहा कि फ्रांसीसी और अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों ने करीब छह घंटे से ज्यादा का स्पेसवॉक पूरा कर लिया है
नासा ने कहा कि फ्रांसीसी और अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों ने करीब छह घंटे से ज्यादा का स्पेसवॉक पूरा कर लिया है. इस दौरान उन्होंने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में बिजली आपूर्ति को बढ़ावा देने के लिए नए सोलर पैनल स्थापित किए हैं. फ्रांस के थॉमस पेस्केट ने रविवार को अपने अमेरिकी सहयोगी शेन किम्ब्रू का जिक्र करते हुए ट्वीट किया हर बार यह टीम के सहयोग से ही संभव हो पाता है और @astro_kimbrough के साथ लौटने से ज्यादा खुशी की बात नहीं हो सकती.
पेस्केट यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के सदस्य हैं जबकि किम्ब्रू अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा में काम करते हैं. अप्रैल के आखिर में अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचे दोनों अंतरिक्ष यात्रियों ने 11:42 GMT पर अपने स्पेस सूट में इंटरनल बैटरियों को एक्टिवेट किया और फिर आईएसएस एयरलॉक के लिए हैच खोला.इसके बाद उन्होंने रोल-आउट सोलर एरे के लिए छह नई जेनेरेशन के सोलर पैनल, जिन्हें इरोसा कहा जाता है, को लगाने का काम पूरा किया. इसमें उन्हें 10 मिनट का समय लगा, जिसका स्टेशन के कैमरे लाइव टेलीकास्ट कर रहे थे. पेस्केट ने इसे 'बेहद खूबसूरत' कहा. ऑपरेशन पूरा होने के बाद मिशन कंट्रोल ने जवाब दिया, 'आप दोनों ने बहुत अच्छा काम किया.' 'इसे देखना बहुत अच्छा था.'
Here we go again for episode ✌️ of the new solar array installation spacewalks. Today we finish installing the first and roll straight into preparing the second! It is a huge team effort each time and couldn't be happier to return with @astro_kimbrough https://t.co/cXBB3MSugD pic.twitter.com/OWNrJQeguy
— Thomas Pesquet (@Thom_astro) June 20, 2021
साढ़े छह घंटे की स्पेसवॉक खत्म होने के बाद तीन बच्चों के पिता किम्ब्रू ने सभी फ्लाइट कंट्रोलर पिताओं को 'फादर्स डे' की शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा, 'हमारे साथ रविवार को काम करने के लिए धन्यवाद.' नया सोलर विंग पुराने हो चुके स्पेस स्टेशन को आवश्यक बिजली मुहैया कराएगा.
1998 में लॉन्च हुआ था ISS
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन को ऑर्बिटल स्टेशन भी कहते है. इसे इंसानों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. ISS पिछले 20 सालों से अधिक समय से अंतरिक्ष की कक्षा में चक्कर लगा रहा है. ये अंतरिक्ष में मानव निर्मित ऐसा स्टेशन है, जिससे पृथ्वी से कोई अंतरिक्ष यान जाकर मिल सकता है. इसके अलावा इसमें इतनी क्षमता होती है कि इस पर अंतरिक्ष यान उतारा जा सके. ISS के जरिए पृथ्वी का सर्वेक्षण किया जाता है और आकाश के रहस्यों का पता लगाया जाता है. इसे 20 नवंबर 1998 को लॉन्च किया गया था.
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