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काले आसमान में टूटता तारा देखना अपने आप में एक अनोखा अनुभव होता है लेकिन ऐसा ही कुछ अंतरिक्ष से देखने को मिले
काले आसमान में टूटता तारा देखना अपने आप में एक अनोखा अनुभव होता है लेकिन ऐसा ही कुछ अंतरिक्ष से देखने को मिले, यह शायद किस्मत की बात होगी। हालांकि, इंटरनैशनल स्पेस स्टेशन पर सवार ऐस्ट्रोनॉट्स के लिए अद्भुत नजारे देखना आम है। फ्रांस के ऐस्ट्रोनॉट ने ऐसा ही वीडियो बनाया है जिसे बस देखते रहने का मन करता है। उन्होंने अंतरिक्ष से धरती पर जाते एक 'टूटते सितारे' का वीडियो शेयर किया है।
अंतरिक्ष से क्या दिखा?
यह टूटता सितारा दरअसल, रूस का एक स्पेस मॉड्यूल है। फ्रांस के ऐस्ट्रोनॉट थॉमा पेस्के ने 6 मिनट तक दिखे नजारे का टाइम-लैप्स वीडियो शेयर किया है। उन्होंने लिखा है, 'बिना हीट शील्ड के वायुमंडल में एंट्री से एक अच्छा आग का गोला बनता है।' वीडियो में इस मॉड्यूल Pirs के छोटे टुकड़े किनारे से गिरते हुए भी नजर आते हैं। दरअसल, धरती के वायुमंडल में जब कोई चीज बाहर से आती है तो घर्षण के कारण उसमें इतनी ऊर्जा पैदा होती है जिससे वह जल जाती है।
क्यों दिखते हैं 'टूटते तारे'?
आमतौर पर ऐस्टरॉइड से अलग होकर धरती की ओर आए उल्कापिंड के टुकड़े ऐसे ही दिखते हैं। कई बार ये बिना वायुमंडल को छुए गुजर जाते हैं तो कभी आग के गोले (Meteor की तरह नजर आते हैं और पीछे दिखती है रोशनी की एक धारी। इसे 'टूटता तारा' कहा जाता है लेकिन ये असल में तारे नहीं होते। ज्यादा संख्या में दिखने पर इसे
विश मांगें या ना?
पेस्के ने इसे लेकर भी मजाक किया है कि कभी ऐसा ही कोई 'टूटता तारा' दिखे तो हो सकता है कि वह असल में स्पेस का जलता हुआ कचरा हो। ऐसा हुआ तो उसे देखकर मांगी गई मुराद शायद पूरी ना हो लेकिन फिर भी विश मांगनी तो चाहिए ही क्योंकि हो सकता है कि वाकई उल्कापिंड का टुकड़ा ही हो। रूस का मॉड्यूल Pirs 20 साल तक सेवा में रहने के बाद रिटायर हो गया। इसकी जगह अब रूस का Nauka साइंस मॉड्यूल गया है।
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