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ऐस्टरॉइड आ गया था पृथ्वी के करीब, लेकिन अनजान रहे वैज्ञानिक, आखिर क्यों?

Gulabi
31 Oct 2021 8:58 AM GMT
ऐस्टरॉइड आ गया था पृथ्वी के करीब, लेकिन अनजान रहे वैज्ञानिक, आखिर क्यों?
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अनजान रहे वैज्ञानिक

वॉशिंगटन: एक रेफ्रिजरेटर के आकार का ऐस्टरॉइड पृथ्वी के 3000 किमी के दायरे में आ गया है और वैज्ञानिकों को इसकी भनक तक नहीं लगी। ऐस्टरॉइड 2021 UA1 हमारी पृथ्वी के करीब से गुजरने वाला तीसरा सबसे निकटतम ऐस्टरॉइड है। यह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की तुलना में अधिक ऊंचाई पर रविवार को अंटार्कटिका के ऊपर से गुजरेगा। हालांकि इसकी ऊंचाई संचार उपग्रहों से कम होगी जो पृथ्वी की परिक्रमा करते हैं।

इस ऐस्टरॉइड का व्यास सिर्फ दो मीटर है जिसका मतलब है कि अगर यह हमारे ग्रह के करीब आया तो यह हमारे वातावरण में जल जाएगा। यह ऐस्टरॉइड इतना आश्चर्यजनक इसलिए था क्योंकि वह सूर्य के पीछे था और दिन के समय पृथ्वी की ओर आ रहा था। यही कारण है कि सबसे करीब आने से पहले इसका पता नहीं लगाया जा सका। खगोलशास्त्री टोनी डन ने इसकी जानकारी दी।
पृथ्वी के करीब से गुजरे दो ऐस्टरॉइड
पृथ्वी के इतिहास में सिर्फ दो ऐस्टरॉइड बेहद करीब आए हैं। एक ऐस्टरॉइड 2020 QG, जो दक्षिणी हिंद महासागर के ऊपर सिर्फ 1,830 मील की दूरी पर से गुजरा था। यह इतना छोटा था कि इससे पृथ्वी को कोई खतरा नहीं था। दूसरा ऐस्टरॉइड 2020 VT4 था, जो पिछले साल नवंबर में पृथ्वी से कुछ सौ मील की दूरी से गुजरा था। हालांकि ये ऐस्टरॉइड पृथ्वी को नुकसान पहुंचाने के लिए बहुत छोटे हैं। किसी बड़े ऐस्टरॉइड के खतरे के निपटने के लिए वैज्ञानिक तैयारी कर रहे हैं।
ऐस्टरॉइड से निपटने के लिए वैज्ञानिक तैयार
चीनी शोधकर्ताओं ने 20 से अधिक रॉकेट भेजने पर विचार किया है जो एक विशाल क्षुद्रग्रह को रोक सकते हैं। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा भी अब लगातार ऐस्‍टरॉइड को समझने की कोशिश कर रही है। इसके लिए 'साइकी मिशन' से लेकर 'डार्ट मिशन' लाइनअप हैं। नासा के डार्ट मिशन के तहत स्पेसक्राफ्ट एक ऐस्‍टरॉइड के साथ तेजी से टकराएगा और उसे प्रभावित करेगा। नासा के इस मिशन का नाम है DART यानी Double Asteroid Redirection Test जिसमें स्पेसएक्स का फैल्कन 9 रॉकेट शामिल है। यह 23 नवंबर को स्थानीय समयानुसार रात 10:20 बजे कैलिफोर्निया के Vandenberg स्पेस फोर्स बेस से उड़ान भरेगा।
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