विज्ञान

Artemis-1: इंसान को चांद पर पहुंचाने वाले रॉकेट में मिल रहीं खामियां, जानें लेटेस्ट अपडेट

jantaserishta.com
7 May 2022 9:05 AM GMT
Artemis-1: इंसान को चांद पर पहुंचाने वाले रॉकेट में मिल रहीं खामियां, जानें लेटेस्ट अपडेट
x

वाशिंगटन: नासा (NASA) अगले महीने जून में अपने आर्टेमिस 1 (Artemis 1) मेगा मून रॉकेट में ईंधन भरने की चौथी बार कोशिश करेगा. अगर सब कुछ योजना के मुताबिक होता है, तो अगस्त में यह रॉकेट लॉन्च के लिए तैयार हो सकता है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी (US Space Agency) आर्टेमिस 1 की 'वेट ड्रेस रिहर्सल' (Wet Dress Rehearsal) को पूरा करने के लिए पहले ही तीन बार असफल कोशिशें कर चुकी है.

आर्टेमिस 1 स्टैक में 322 फीट (98 मीटर) का स्पेस लॉन्च सिस्टम(SLS) है. इसके ऊपर बिना क्रू वाला ओरियन कैप्सूल है. फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर (Kennedy Space Center) में वेट ड्रेस रिहर्सल के लिए, इसे मार्च में पैड 39 B में रोल आउट किया गया था.
यह 1 अप्रैल को शुरू हुआ था और इसे दो दिन बाद पूरा किया जाना था, लेकिन इंजीनियरों को इसमें कई समस्याएं दिखीं. इसमें मिशन के मोबाइल लॉन्च टावर पर एक वाल्व अटका मिला और टावर को SLS से जोड़ने वाली umbilical लाइन्स में से एक में हाइड्रोजन रिसाव भी पाया गया था.
25 अप्रैल को, टीम ने रॉकेट की समस्याओं की जांच करने और उन्हें ठीक करने के लिए पैड 39B से आर्टेमिस 1 स्टैक को उतार लिया और उसे वापस कैनेडी स्पेस सेंटर के व्हीकल असेंबली बिल्डिंग (VAB) में ले जाया गया.
नासा के अधिकारियों का कहना है कि यहां काम ठीक से चल रहा है. टीम ने खराब वाल्व बदल दिया है और यह भी पता लगा लिया है कि यह फंस क्यों गया था. रबर के एक टुकड़े की वजह से यह ठीक से सील नहीं हो पा रहा था. वहीं, हीलियम रिसाव इसलिए हुआ था, क्योंकि umbilical बोल्ट थोड़े ढीले हो गए थे. आर्टेमिस 1 पर काम जारी है. टीम को पूरी उम्मीद है कि इसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा.
वाशिंगटन में नासा के एक्सप्लोरेशन सिस्टम डेवलपमेंट मिशन डायरेक्टरेट के एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर जिम फ्री (Jim Free) का कहना है कि अगली वेट ड्रेस रिहर्सल जून के शुरुआत से मध्य तक हो सकती है.
आपको बता दें कि आर्टेमिस 1 चंद्रमा के चारों ओर लगभग एक महीने की लंबी यात्रा पर ओरियन स्पेसक्राफ्ट (Orion Spacecraft) भेजेगा, जिसमें कोई क्रू नहीं होगा. यह स्पेसक्राफ्ट कई उपकरण लेकर जाएंगा जिससे चंद्रमा और उससे आगे के मिशन के लिए मौजूद डीप स्पेस के रेडिएशन वाले वातावरण का अध्ययन किया जाएगा.
अगर आर्टेमिस 1 सफल रहा, तो आर्टेमिस 2, 2024 में चंद्रमा के चारों ओर एस्ट्रोनॉट भेजेगा और आर्टेमिस 3, 2025 के आसपास, चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास एस्ट्रोनॉट्स को उतारेगा.
jantaserishta.com

jantaserishta.com

    Next Story