विज्ञान

क्या उम्मीद जगा रहे हैं पास के तारे के दो सुपरअर्थ ग्रह

Subhi
17 Jun 2022 3:59 AM GMT
क्या उम्मीद जगा रहे हैं पास के तारे के दो सुपरअर्थ ग्रह
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खगोलविदों को हमारे खगोलीय पड़ोस में ही एक तारे का चक्कर लगाते हुए दो नए बाह्यग्रह मिले हैं. जिनके पथरीले होने की प्रबल संभावना है इन्हें खगोलविद Super Earth की श्रेणी के ग्रह बता रहे हैं

खगोलविदों को हमारे खगोलीय पड़ोस में ही एक तारे का चक्कर लगाते हुए दो नए बाह्यग्रह (Exoplanet) मिले हैं. जिनके पथरीले होने की प्रबल संभावना है इन्हें खगोलविद Super Earth की श्रेणी के ग्रह बता रहे हैं. लेकिन इन ग्रहों की अच्छी बात यह है कि वे हम से केवल 33 प्रकाशवर्ष की दूरी पर ही स्थित हैं. इसके अलावा खगोलविदों का कहना है कि इन बाह्यग्रहों के आवासीय होने की संभावना बहुत ज्यादा नहीं है फिर भी यह खोज पृथ्वी के बाहर जीवन की संभावना (Scope of life Beyond Earth), तारों और ग्रहों का तंत्र आदि समझने के लिहाज से बहुत ही उत्साह जनक है.

सुपर अर्थ- खास बाह्यग्रह

सुपर अर्थ ग्रह हमारे सौरमंडल से दूर किसी तारे का चक्कर लगाते हुए ऐसे ग्रह होते हैं जो पृथ्वी से बड़े होते हैं, लेकिन बर्फीले विशाल ग्रह से छोटे होते हैं. इनमें ग्रह का पथरीला होना, अपने तारे से उचित दूरी जैसी बहुत सी ऐसी विशेषताएं होती हैं जिससे इनमें जीवन पनपने की संभावना हो सकती है. जिससे इन्हें सुपर अर्थ नाम दिया जाता है. खगोलविदों की ऐसे ग्रहों में विशेष रुचि होती है.

दूरी है खास

खोजे गए दो नए बाह्यग्रह एक ठंडे लाल बौने तारे का चक्कर लगा रहे हैं जिसका नाम HD 260655, और यह केवल 33 प्रकाशवर्ष की दूरी पर है. इस वजह से यह भविष्य में होने वाले सर्वे के लिए बहुत ही अच्छथा उम्मीदवार बन गया है. इसके अध्ययन से हमे बाह्यग्रहों के निर्माण और उनके वायुमंडल की जानकारी मिल सकेगी जो पृथ्वी के बाहर जीवन की खोज में हमारे लिए बहुत सहायक हो सकेगी, भले ही दोनों ग्रहों के आवासीय होने की संभवना नहीं भी हो तो.

वायुमंडल का अध्ययन

एमआईटी के कावली इंस्टीट्यूट फॉर एस्ट्रोफिजिस्कस एंड स्पेस रिसर्च की खगलोविद मिशेल कुनिमोटो ने बताया कि इस तंत्र में तारे की चमक के कारम दोनों ही ग्रहों वायुमंडल के अध्ययन के लिए बहुत अच्छे लक्ष्य हैं. क्या यहां का वायुमंडल वाष्पीकृत होने वाले पदार्थों से भरा है या क्या यहां पानी या कार्बन आधारित प्रजातियों के होने के संकेत हैं. इस तरह की पड़तालों के लिए ये ग्रह बहुत ही उपयुक्त हैं.

किस तरह के बाह्यग्रहों की तलाश

अभी तक हमारी गैलेक्सी मिल्की वे में ही 5 हजार से ज्यादा बाह्यग्रहों की खोज की जा चुकी है. खगोलजीववैज्ञानिक पृथ्वी शुक्र और मंगल जैसे पथरीले ग्रहों की ज्यादा दिलचस्पी रखते हैं. दूसरे ग्रहों पर जीवन की तलाश के लिए तुलना के नजरिए से हमारे पास पृथ्वी जैसा ग्रह है. लेकिन पथरीले बाह्यग्रह आकार और भार दोनों में ही छोटे होते हैं इसलिए उन्हें खोजना मुश्किल हो जाता है जबकि बहुत से खोजे गए बाह्यग्रह बड़े पाए गए हैं.

कैसे खोजा गया इन ग्रहों को

HD 260655 का चक्कर लगाने वाले दोनों ग्रहों को HD 260655b और HD 260655c नाम दिएगए हैं. उनकी खोज तब हो सकी जब वे तारे और हमारे बीच आ गए जिससे तारे से हमारी ओर आ रही रोशनी धुंधली हो गई. यह बाह्यग्रह के पारगमन नासा के बाह्यग्रह की खोज करने वाले TESS टेलीस्कोप ने देखा था जिसे इसी तरह की प्रक्रिया को देखने के लिए डिजाइन किया है.


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