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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इटली के पोम्पेइ में पुरातत्वविदों को एक गर्भवती मादा कछुए का अवशेष मिला है। कछुआ और उसके अंडे करीब 2000 साल से ज्यादा पुराने हैं। ये अवशेष एक खंडहर के नीचे पाए गए हैं जो 62ई. में भूकंप से नष्ट हो गया था। भूकंप के 17 साल बाद यहां माउंट वेसुवियस का ज्वालामुखी फटा था। खंडहर ज्वालामुखी की राख से पूरी तरह ढका हुआ था। कछुए की इस प्रजाति को हरमन कहा जाता है।
कछुए की लंबाई 5.5 इंच है जो मिट्टी के फर्श के नीचे दबा हुआ था। शोधकर्ताओं का मानना है कि अंडा देने की कोशिश के दौरान मादा कछुए की मौत हो गई। इस साइट पर मौजूद मानव विज्ञानी के रूप में काम करने वाली वैलेरिया अमोरेटी ने कहा कि कछुए ने एक गड्ढा खोदा था जहां वह अंडा दे सके, लेकिन वह अंडा नहीं दे पाई। संभव है कि इसी कारण उसकी मौत हो गई हो। अमोरेटी और उनकी टीम का मानना है कि कछुए ने इस खंडहर में शरण ली थी, लेकिन ज्वालामुखी के फटने से पहले ही उसकी मौत हो गई थी।
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विनाशकारी था ज्वालामुखी विस्फोट
79ई. में हुआ ज्वालामुखी विस्फोट विनाशकारी था। इसने पोम्पेई और हरकुलेनियम के निवासियों को मार डाला था। विस्फोट के कारण कुछ ही देर में 18 किमी तक ज्वालामुखी की राख फैल गई थी। पोम्पेई की महानिदेशक गेब्रियल ज़ुचट्रीगल ने कहा कि मादा कछुए का मिलना यहां की संस्कृति और प्रकृति, समुदाय और पर्यावरण के बीच के संबंधों को दिखाता है।
कछुए का खोल और पूछ मिली
कछुए के अवशेषों की तस्वीर में दिखता है कि इसके खोल का कुछ हिस्सा अभी भी बरकरार है और इसकी पूंछ भी है। पुरातत्वविद यहां लगातार खुदाई का काम करते रहतै हैं, जिससे उन लोगों की कहानियां सामने आती हैं, जिन्होंने यहां तबाही में अपनी जान गंवा दी। 2020 में हुई एक खोज में सामने आया था कि ज्वालामुखी की आग इतनी ज्यादा गर्म थी कि यहां के एक व्यक्ति का दिमाग कांच में बदल गया था।