विज्ञान

ISRO की एक और बड़ी सफलता! श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर से PSLV-C50 हुआ लॉन्च

Gulabi
17 Dec 2020 11:10 AM GMT
ISRO की एक और बड़ी सफलता! श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर से PSLV-C50 हुआ लॉन्च
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कम्युनिकेशन सैटेलाइट सीएमएस-01 को पीएसएलवी सी50 रॉकेट से लॉन्च

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इसरो ने मोबाइल फोन से लेकर टीवी तक के सिग्नलों के स्तर को सुधारने के लिए कम्युनिकेशन सैटेलाइट सीएमएस-01 को पीएसएलवी सी50 रॉकेट से लॉन्च कर दिया है।बृहस्पतिवार दोपहर सैटेलाइट को चेन्नई से 120 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लांच पैड से रवाना किया गया।



पृथ्वी की सबसे दूरस्थ कक्षा में होगा स्थापित
सीएमएस-01 को पृथ्वी की कक्षा में सबसे ऊंचे या दूसरे शब्दों में कहें तो 42,164 किलोमीटर के सबसे दूरस्थ बिंदु पर स्थापित किया जाएगा। इस कक्षा में स्थापित होने पर यह सैटेलाइट पृथ्वी के चारों तरफ उसी की गति से घूमेगा और पृथ्वी से देखे जाने पर आकाश में एक जगह खड़े होने का भ्रम देगा।
25 घंटे का काउंटडाउन
इसरो ने इस संबंध में बताया था कि सैटेलाइट को पीएसएलवी-सी50 रॉकेट में स्थापित करने के बाद 25 घंटे लंबा काउंटडाउन शुरू किया गया। हालांकि इसरो ने यह भी कहा था कि सैटेलाइट का लॉन्च मौसम के मिजाज पर भी निर्भर करेगा। यह इस पोलर सैटेलाइट लांच व्हीकल का 52वां मिशन है।
सतीश धवन केंद्र से लॉन्च होने वाला 77वां मिशन
सीएमएस-01 (पूर्व नाम जीसैट-12आर) इसरो का 42 वां कम्युनिकेशन सैटेलाइट है और यह कम्युनिकेशन सैटेलाइट फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम के एक्सटेंडेड सी बैंड में सेवा उपलब्ध कराएगा, जिसके दायरे में भारत की मुख्य भूमि, अंडमान निकोबार और लक्षद्वीप द्वीपसमूह होंगे।

श्रीहरिकोटा के सतीश धवन केंद्र से लॉन्च होने वाला यह 77वां लांच व्हीकल मिशन होगा। पीएसएलवी-सी50 मिशन पर इस बार अकेले पेलोड के तौर पर यात्रा कर रहे सीएमएस-01 सैटेलाइट से टेलीकम्युनिकेशन सेवाओं में खासतौर पर सुधार होगा।
कम्युनिकेशन के सिग्नल बढ़ाएगा
इसकी मदद से टीवी चैनलों की पिक्चर गुणवत्ता सुधरने के साथ ही सरकार को टेली-एजुकेशन, टेली-मेडिसिन को आगे बढ़ाने और आपदा प्रबंधन के दौरान मदद मिलेगी। यह सैटेलाइट 2011 में लॉन्च जीसैट-2 टेलीकम्युनिकेशन सैटेलाइट की जगह लेगा। सीएमएस-01 अगले सात साल तक सेवाएं देगा।

यह पीएसएलवी की 'एक्सएल' कांफिगरेशन (छह स्ट्रेपऑन मोटर से संचालित) में 22वीं उड़ान होगी। इस साल कोरोना संक्रमण के कारण पिछले माह लांच किए गए इसरो के पहले मिशन के बाद यह महज दूसरा अभियान है।

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