विज्ञान

प्राचीन सबूत: वैज्ञानिकों को मिला डायनासोर के 'पेट का पत्थर', जाने हैरान करने वाली बातें

jantaserishta.com
15 April 2021 9:24 AM GMT
प्राचीन सबूत: वैज्ञानिकों को मिला डायनासोर के पेट का पत्थर, जाने हैरान करने वाली बातें
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जैसे इंसानों की किडनी और गॉल ब्लैडर में स्टोन्स यानी पत्थर पाए जाते हैं. वैसे ही करोड़ों साल पहले डायनासोर के पेट में भी स्टोन्स मिलते थे. इसका पता पुरातत्वविदों इससे पता चला कि डायनासोर जब दर्द में होते थे, या उन्हें खतरा महसूस होता था तो वो एक बार में 1000 किलोमीटर तक चले जाते थे. यह काम सबसे ज्यादा लंबी गर्दन वाले शाकाहारी डायनासोरों ने किया था. ये जिस जगह जाते थे वहां अपने मल या उल्टी के साथ पेट का स्टोन निकाल देते थे. वैसे ही कुछ पत्थर अब वैज्ञानिकों को मिले हैं.

जो पत्थर वैज्ञानिकों को मिले हैं उनका रंग गुलाबी भूरी रंगत का है. अमेरिकी वैज्ञानिकों ने बताया कि ये अमेरिका के विस्कॉन्सिन से 1000 किलोमीटर दूर स्थित व्योमिंग में मिले. क्योंकि डायनासोर विस्कॉन्सिन से व्योमिंग तक गए थे. दोनों जगहों के रास्ते में इनके पैरों के निशान और जुरासिक काल से संबंधित प्राचीन सबूत मिले हैं.
ऑस्टिन स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के जैक्सन स्कूल ऑफ जियोसाइंसेस के ग्रैजुएट स्टूडेंट और इस स्टडी के प्रमुख शोधकर्ता जोश मैलोन ने बताया कि ये पत्थर देश के दक्षिण हिस्से में स्थित विस्कॉन्सिन से उत्तर-मध्य व्योमिंग तक डायनासोर के पेट में गए थे. ये अब तक डायनासोरों द्वारा विस्थापन की सबसे लंबी दूरी है.
न्यूयॉर्क स्थित आडेल्फी यूनिवर्सिटी के बायोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर माइकल डेमिक ने बताया कि डायनासोर के पेट के पत्थरों को गैस्ट्रोलिथ्स (Gastroliths) कहते हैं. कई बार डायनासोर पत्थरों को खाकर अपने पेट में मौजूद खाने को पचाते थे. ये पत्थर पेट में जाकर ग्राइंडर का काम करते थे.
माइकल डेमिक ने बताया कि यह बात स्पष्ट नहीं है कि वे विस्थापन के समय ऐसा क्यों करते थे. हो सकता है कि उन्हें खाना जल्दी पचाकर लंबी दूरी के लिए ऊर्जा चाहिए हो. इस बीच जोश मैलोन ने बताया कि मेरे पिता डेविड मैलोन भी पैलेंटियोलॉजिस्ट हैं. उन्होंने 2017 में व्योमिंग में ऐसे पत्थर खोजे थे. उस समय मैं जियोलॉजी का स्टूडेंट नहीं था. बस मैं अपने पिता के काम को देखने गया था कि आखिर वो करते क्या हैं.
जोश ने बताया कि मैं पिता के साथ बिगहॉर्न बेसिन में घूम रहा था. वहां चारों ओर ऐसे ही चिकने गुलाबी भूरे रंग के पत्थर पड़े थे. मैंने पिता से पूछा कि ये क्या हैं. तब उन्होंने बताया था कि ये गैस्ट्रोलिथ्स (Gastroliths) हैं. यानी डायनासोर के पेट से निकले पत्थर. लेकिन पिता ने तब का था कि ये एक अंदाजा है, इसकी पुष्टि नहीं हुई है. जो अब हमारी टीम ने कर दी.
जोश की थीसिस इनिलॉय स्थित अगस्ताना कॉलेज में जमा हुई थी. इसके बारे में 27 फरवरी को जर्नल टेरा नोवा में रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी. पिता के साथ घूमने के दौरान जोश ने कई गैस्ट्रोलिथ्स (Gastroliths) उठाए थे. जिनकी जांच उन्होंने अभी की. इन पत्थरों को जिरकॉन क्रिस्टल से काटा गया. जब जिरकॉन से कटिंग होती है तो पुराने पत्थरों पर फिंगरप्रिंट निकल आते हैं.
जिस तरह के गुलाबी भूरे रंग के पत्थर जोश मैलोन को मिले हैं, वैसे उत्तर अमेरिका, इडाहो, मोंटाना, न्यू मेक्सिको और विस्कॉन्सिन में काफी मात्रा में मिलते हैं. जिरकॉन के जरिए इन पत्थरों की उम्र का पता किया जाता है. जोश ने कहा कि हमने विस्कॉन्सिन और व्योमिंग में मिले पत्थरों को मिलाया गया तो पता चला कि ये लंबी गर्दन वाले शाकाहारी डायनासोरों के पेट से निकले हैं. इन पत्थरों की उम्र करीब 180 करोड़ साल है. यानी जुरासिक काल के शुरुआती दिनों के.

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