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सर्दी में एलर्जी के मामले 70% तक बढ़ जाते हैं
सर्दी में एलर्जी के मामले 70% तक बढ़ जाते हैं। जब भी व्यक्ति एलर्जी पैदा करने वाले कणों (एलर्जेंस) के संपर्क में आता है तो शरीर हिस्टामाइन रसायन खून में जारी करता है, जिसके कारण छींक आना, आंखों से आंसू बहना, सिरदर्द की शिकायत होती है।एलर्जी का कारण बनने वाले एलर्जेंस 0.3 माइक्रॉन से लेकर 400 माइक्रॉन तक के हो सकते हैं। धूल के कण 20 माइक्रोन के होते हैं। ऐसे मरीजों में इलाज के तौर पर इम्यूनोथेरेपी दी जाती है। कुछ सावधानियों, बचाव और इम्यूनोथेरेपी से एलर्जी ठीक हो सकती है।
जयपुर के ईएनटी एवं एलर्जी विशेषज्ञ डॉ. अजय जैन से जानिए इससे कैसे बचाव करें...
इनसे हो सकती है एलर्जी
पशुओं के बालों की रूसी
मधुमक्खी या कीड़ों का काटना
कोई खाने की चीज
दवाएं जैसे पेनिसिलिन या एस्पिरिन
पौधे के पराग या फफूंदी
धूल के कण
धूल, धुएं से होने वाली एलर्जी से बचाव के ये हैं तीन तरीके
सूखे की जगह नम कपड़े का उपयोग करें: धूल की सफाई के लिए सूखे कपड़े की जगह हल्के नम कपड़े का उपयोग करें। नम कपड़ा धूल को चिपका लेता है।
54 डिग्री से. गर्म पानी में कपड़े धोएं: कपड़ों से धूल के कण हटाने के लिए कम से कम 54 डिग्री सेल्सियस गर्म पानी में धोएं।
मास्क पहनें: एन-95 या एफएफपी2 मास्क 0.1 से 0.3 माइक्रॉन के कणों को भी फिल्टर कर देता है। ये कण इंसानी बाल से लगभग 700 गुना तक छोटे होते हैं।
डॉक्टर से कब सलाह लें
अगर कई दिनों से आपकी नाक बह रही है, आंखों से पानी आ रहा है या खांसी बरकरार है।
अगर इन लक्षणों के कारण आपको नींद नहीं आ पा रही है तो अलर्ट होने की जरूरत है।
अगर आपको साइनस में संक्रमण, सिर दर्द और कान में संक्रमण जैसी समस्या है।
ध्यान रखें कि एलर्जी से जुड़े लक्षण दिखने पर अपने मन से कोई भी दवा न लें। डॉक्टरी सलाह जरूर लें।
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