विज्ञान

समुद्र में एलियन जहाज खोजा गया, मची खलबली

jantaserishta.com
27 March 2022 4:37 AM GMT
समुद्र में एलियन जहाज खोजा गया, मची खलबली
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लीमा सिटी: एलियन जहाजों (Alien Spaceships) यानी यूएफओ (Unidentified Flying Object - UFO) को खोजने वाले एक व्यक्ति ने दावा किया है कि उसने पेरू (Peru) के पास समुद्र में एलियन जहाज खोजा है. वह भी गूगल अर्थ (Google Earth) की मदद से.

समुद्र की तलहटी में मौजूद यह एलियन जहाज पेरू के नाजका लाइन्स (Nazca Lines) से ज्यादा दूर नहीं है. जिस व्यक्ति ने यह एलियन शिप खोजने का दावा किया है, उसका नाम है स्कॉट सी. वेरिंग (Scott C. Waring). उन्होंने इस बात का दावा किया है उनके पास प्राचीन एलियन जहाज दिखने का 100 फीसदी पुख्ता सबूत है.
स्कॉट का दावा है कि यह प्राचीन एलियन टेक्नोलॉजी है, जो समुद्र के अंदर छिपी हुई है. इसे देखने के लिए आप यहां इंग्लिश में लिखे Google Earth पर क्लिक करें. यह आपको सीधे पेरू के पास समुद्र के अंदर मौजूद उस एलियन जहाज तक ले जाएगा, जिसकी खोज स्कॉट सी. वेरिंग ने की है.
हैरानी की बात ये है कि स्कॉट जिसे एलियन जहाज कह रहे है, उसका व्यास करीब 7 किलोमीटर है. यह जगह नाजका लाइन्स के पास है. नाजका लाइन्स प्री-कोलंबियन जियोग्लिफ्स (Pre-Columbian geoglyphs) हैं. यह पाल्पा घाटी में मौजूद पथरीले तटीय रेगिस्तानी पहाड़ियों के बीच बने हैं. यह बात तो पुख्ता है कि नाजका लाइन्स किसी एलियन द्वारा बनाई गई आकृतियां नहीं हैं.
गूगल अर्थ (Google Earth) यह कभी नहीं कहता कि उसके द्वारा समुद्र की तलहटी में दिखाई जा रही चीजें एकदम सटीक और सही हैं. उनका रिप्रेजेंटेशन गलत हो सकता है. इसका मतलब ये है कि वहां पर किसी भी तरह का एलियन जहाज नहीं है. न ही किसी प्राचीन शहर की आकृति. ऐसा हो सकता है कि यह तस्वीर जब गूगल अर्थ पर डेवलप हो रही हो, तो कुछ डेटा सही से एनालाइज न हुए हो. जिनकी वजह से ऐसी आकृति बन रही है.
ये भी हो सकता है कि यह किसी के दिमाग की उपज हो और उसने गूगल अर्थ के साथ छेड़खानी करके किसी तरह की डिजिटल कलाकारी की हो. लेकिन इसका मतलब ये एकदम नहीं है कि गूगल अर्थ पर सारी चीजें गड़बड़ हैं. आप बहुत सारे नक्शे गूगल अर्थ की मदद से निकाल सकते हैं. आपदाओं में लोगों की मदद करने के लिए इसकी सहायता ले सकते हैं. लेकिन आजतक किसी ने इसकी मदद से एलियन का जहाज तो नहीं खोजा है.
हालांकि, Live Science नाम की वेबसाइट ने इस खबर पर उंगली उठाते हुए कहा कि यह डिजिटल डेटा का हेरफेर है. यह डेटा के कलेक्शन, प्रोसेसिंग और फिर से कंबाइन करने में हुई गड़बड़ी की वजह से ऐसा हो सकता है.
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