विज्ञान

गेहूं और सरसों की खेती को लेकर कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को दी सलाह

Gulabi
13 March 2022 2:09 PM GMT
गेहूं और सरसों की खेती को लेकर कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को दी सलाह
x
कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को दी सलाह
देश के कई हिस्सों में गेहूं की फसल तैयार होने वाली है. ऐसे में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) पूसा के वैज्ञानिकों ने किसानों को कुछ सलाह दी है. कृषि वैज्ञानिकों ने कहा है कि तापमान तथा हवा की गति को ध्यान में रखते हुये गेहूं (Wheat) की फसल जो दूधिया या दाने भरने की अवस्था में है, उसमें हल्की सिंचाई करें. सिंचाई (Irrigation) ऐसे समय पर करें जब हवा शांत हो अन्यथा पौधे गिरने की संभावना रहती है. मौसम को ध्यान में रखते हुए गेहूं की फसल में रोगों, विशेषकर रतुआ की निगरानी करते रहें. काला, भूरा रतुआ आने पर फसल में डाइथेन एम-45 @ 5 ग्राम या कार्बेन्डाजिम @ 1.0 ग्राम अथवा प्रोपिकोनाज़ोल @ 1.0 ग्राम/लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें.
कृषि वैज्ञानिकों ने कहा है कि पूर्ण रूप से पके तोरिया या सरसों की फसल (Mustard Crop) को अतिशीघ्र काट दें. 75-80 प्रतिशत फली का रंग भूरा होना ही फसल पकने के लक्षण हैं. फलियों के अधिक पकने की स्थिति में दाने झड़ने की संभावना होती है. अधिक समय तक कटे फसलों को सूखने के लिए खेत पर रखने से चितकबरा बग से नुकसान होता है. इसलिए वे जल्द से जल्द गहाई करें. गहाई के बाद फसल अवशेषों को नष्ट कर दें, इससे कीट की संख्या को कम करने में मदद मिलती है.
मूंग की इन किस्मों की करें बुवाई
मूंग की फसल की बुवाई हेतु किसान उन्नत बीजों की बुवाई करें. मूंग–पूसा विशाल, पूसा रत्ना, पूसा- 5931, पूसा बैसाखी, पी.डी एम-11, एस एम एल- 32, एस एम एल- 668, सम्राट; बुवाई से पूर्व बीजों को फसल विशेष राईजोबीयम तथा फास्फोरस सोलूबलाईजिंग बेक्टीरिया से अवश्य उपचार करें. बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी का होना आवश्यक है. टमाटर, मटर, बैंगन व चना फसलों में फलों, फल्लियों को फल छेदक, फली छेदक कीट से बचाव हेतु किसान खेत में पक्षी बसेरा लगाए. वे कीट से नष्ट फलों को इकट्ठा कर जमीन में दबा दें.
छिड़काव के एक सप्ताह बाद ही करें सब्जियों की तुड़ाई
यदि फल छेदक कीट की संख्या अधिक हो तो बीटी 1.0 ग्राम/लीटर पानी की दर से छिड़काव करें. फिर भी प्रकोप अधिक हो तो 15 दिन बाद स्पिनोसैड कीटनाशी 48 ईसी @ 1 मिली/4 लीटर पानी की दर से छिड़काव करें. सब्जियों में चेपा के आक्रमण की निगरानी करते रहें. वर्तमान तापमान में यह कीट जल्द ही नष्ट हो जाते हैं. यदि कीट की संख्या अधिक हो तो इमिडाक्लोप्रिड @ 0.25 मि.ली. प्रति लीटर पानी की दर से पके फलों की तुड़ाई के बाद छिड़काव करें. सब्जियों की फसलों पर छिड़काव के बाद कम से कम एक सप्ताह तक तुड़ाई न करें. बीज वाली सब्जियों पर चेपा के आक्रमण पर विशेष ध्यान दें.
Next Story