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वर्तमान में सोयाबीन की फसल में तने की मक्खी, सेमीलूपर, तंबाकू की इल्ली, चने की इल्ली का प्रकोप है। किसानों की सूचना पर कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख डा. एके दीक्षित के दिशा-निर्देश व मार्गदर्शन में केंद्र के वैज्ञानिकों के साथ कृषि विभाग के अधिकारियों की डायग्नोस्टिक टीम द्वारा कौलारी, भिलाई, कुसमानिया, नांदोन, मोहाई आदि ग्रामों में सोयाबीन फसल का निरीक्षण किया। टीम में डा. दीक्षित, डा. मनीष कुमार, कीट वैज्ञानिक लोकेश गंगराडे, सहायक संचालक कृषि देवास वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, आरएस मर्सकोले, ब्लाक टेक्नोलाजी मैनेजर लाड़सिंह बकोदिया शामिल थे। टीम के सदस्यों ने सरपंच प्रतिनिधि महेश परमार एवं कृषक हरिनारायण परमार, जगदीश जाट, रामेश्वर शुक्ला आदि के साथ खेतों का निरीक्षण किया। इस दौरान सोयाबीन की फसल में तने की मक्खी का प्रकोप ज्यादा देखा गया। साथ ही कहीं-कहीं पर हरी अर्द्धकुंडल इल्ली, चने की इल्ली भी पाई गई। कुछ क्षेत्रों में भ्रमण के दौरान अधिकांश खेतों में पौधों की बढ़वार ज्यादा एवं अफलन की शिकायत पाई गई। जगह-जगह ज्यादा बीज मात्रा, इल्ली के प्रकोप व मौसम की प्रतिकूलता के कारण इस प्रकार की समस्या उत्पन्ना हुई।