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कृषि वैज्ञानिक
अगर आप किसान हैं और पिछले साल अच्छे दाम को देखते हुए सरसों की खेती (Mustard Farming) करना चाहते हैं तो यह आपके लिए सबसे अच्छा समय है. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) पूसा के वैज्ञानिकों ने कहा है कि तापमान को ध्यान में रखते हुए किसान सरसों की बुवाई कर सकते हैं. मिट्टी जांच के बाद यदि गंधक की कमी हो तो 20 किलोग्राम प्रति हैक्टर की दर से अंतिम जुताई पर डालें. बुवाई से पहले मिट्टी में उचित नमी का ध्यान अवश्य रखें.
कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक सरसों की उन्नत किस्में (Mustard Varieties) पूसा विजय, पूसा सरसों-29, पूसा सरसों-30 एवं पूसा सरसों-31 हैं. बुवाई से पहले खेत में नमी के स्तर को अवश्य देख लें ताकि अंकुरण प्रभावित न हो. बुवाई से पहले बीजों को केप्टान 2.5 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचार करें. बुवाई कतारों में करना अधिक लाभकारी रहता है. कम फैलने वाली किस्मों की बुवाई 30 सेंमी और अधिक फैलने वाली किस्मों की बुवाई 45-50 सेंमी की दूरी पर बनी पंक्तियों में करें. विरलीकरण द्वारा पौधे से पौधे की दूरी 12-15 सेंमी कर लें.
मशीन से गाजर की बुवाई करना फायदेमंद
इस मौसम में किसान गाजर की बुवाई मेड़ों पर कर सकते हैं. बुवाई से पूर्व मिट्टी में उचित नमी का ध्यान अवश्य रखें. पूसा रूधिरा इसकी उन्नत किस्म है. पारंपरिक तौर पर बुवाई करेंगे तो प्रति एकड़ 4.0 किलोग्राम बीज लगेगा. लेकिन अगर आप बुवाई मशीन से करेंगे तो सिर्फ 1.0 किलोग्राम प्रति एकड़ बीज की आवश्यकता होगी. जिससे बीज की बचत तथा उत्पाद की गुणवत्ता भी अच्छी होगी. बुवाई से पूर्व बीज (Seed) को केप्टान 2 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करें. खेत में देसी खाद, पोटाश और फास्फोरस उर्वरक अवश्य डालें.
मटर की बुवाई के लिए अच्छा वक्त
कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक इस मौसम में किसान मटर की बुवाई कर सकते हैं. बुवाई से पूर्व मिट्टी में उचित नमी का ध्यान अवश्य रखें. उन्नत किस्मों में-पूसा प्रगति शामिल है. बीजों को कवकनाशी केप्टान 2.0 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से मिलाकर उपचार करें. उसके बाद फसल विशेष राईजोबियम का टीका अवश्य लगाएं. गुड़ को पानी में उबालकर ठंडा कर लें और राईजोबियम को बीज के साथ मिलाकर उपचारित करके सूखने के लिए किसी छायेदार स्थान में रख दें. अगले दिन बुवाई करें.
चने की बुवाई का भी है वक्त
तापमान को ध्यान में रखते हुए किसान चने (Gram) की बुवाई इस सप्ताह कर सकते हैं. बुवाई से पहले मिट्टी में उचित नमी का ध्यान अवश्य रखें. बुवाई 30–35 सेंटीमीटर दूर कतारों में करनी चाहिए. प्रमुख काबुली किस्में-पूसा 267, पूसा 1003 एवं पूसा चमत्कार (बीजी 1053) हैं. जबकि देसी किस्में–सी 235, पूसा 246, पीबीजी-1 एवं पूसा 372 हैं. बुवाई से पूर्व बीजों को राइजोबियम और पीएसबी के टीकों (कल्चर) से अवश्य उपचारित करें.
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