विज्ञान

आखिर Mars planet पर सबसे पहले कौन सा पौधा उगाया जाएगा?

Gulabi Jagat
23 Aug 2022 1:45 PM GMT
आखिर Mars planet पर सबसे पहले कौन सा पौधा उगाया जाएगा?
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दुनिया की कई एजेंसी मंगल (Mars) पर अपना मानवीय अभियान भेजने की तैयारियां कर रही हैं. इसके लिए कई तरह के समस्याओं का सामना करना होगा जिनके लिए कई तरह के शोध भी चल रहे हैं. इनमें से एक मंगल पर खेती (Agriculture on Mars) को विकसित करना है. यह इसलिए जरूरी है कि मंगल पर आने जाने में ही महीनों का समय लगेगा और ऐसे में इतने लंबे समय के लिए भोजन पृथ्वी पर ले जाना संभव नहीं होगा. नए अध्ययन में वैज्ञानिकों ने ऐसा पौधा (Plant) खोज निकाला है जिसे उनके मुताबिक मगंल ग्रह पर सबसे पहले उगाना चाहिए.
मंगल पर बड़ी समस्या है पौधे उगाना
नासा इस दिशा में गंभीरता से प्रयोग कर रहा है. लेकिन मंगल ग्रह पर पौधे उगाना आसाना काम नहीं होगा . वहां की धूल और मिट्टी में ना तो जैविक पदार्थ है और ना ही मददगार सूक्ष्मजीव हैं. इसके अलावा वहां की मिट्टी में नमक और खनिज की भरमार है जिससे अधिकांश पौधों का वहां पनपना बहुत मुश्किल हो जाएगा.
एल्फाल्फा पौधे में समाधान
PLOS वन में प्रकाशित नए अध्ययन में इसका समाधान एल्फाल्फा पौधों में खोज निकाला है. शोधकर्ताओं ने पाया है कि यह भोजन प्रदान करने वाली फसल मंगल ग्रह पर मौजूद ज्वालामुखी की कठोर मिट्टी में भी पनप सकेगी. इतना ही नहीं इसके बाद इसका उपयोग बाद में शलजम, मूली और सलाद पत्ते को उगाने के लिए खाद के तौर पर भी किया जा सकता है.
जरूरी है समस्या का हल
शोधकर्ताओं ने अपने शोधपत्र में लिखा कि मंगल की मिट्टी में पोषण की मात्रा कम है और इसके साथ ही उच्च लवणता वाला पानी उसमें सीधे खाद्य फसलों के पनपने के लिहाज से उसे अयोग्य बना देगा. इसलिए यह जरूरी है कि लंबे अभियानों के लिए वहां इस तरह से काम किया जाए कि मंगलकी मिट्टी में पहले पोषण बढ़े और वहां के पानी में लवणता की कमी आ सके.
मंगल ग्रह (Mars) की मिट्टी पर शलजम, मूली और सलाद पत्ता आसानी से उगाए जा सकते हैं. (तस्वीर: PLOS One)
एल्फाल्फा एक भूमिका
इससे पहले के शोध दर्शाते हैं कि मंगल की मिट्टी में अतिरिक्त पोषक तत्वों को जोड़े बिना वहां पौधों का पनपना एक वास्तव में एक संघर्ष की स्थिति बना देगा. इसलिए एल्फाल्फा एक बड़ी भूमिका हो सकती है. अलग अलग बीजों पर परीक्षण करने से पहले मंगल की मिट्टी की ही तरह की मिट्टी हासिल करना बहुत ही मुश्किल काम था, इसलिए शोधकर्ताओं ने सबसे सटीक तौर पर नजदीकी मिट्टी पर प्रयोग किए. उन्होंने पाया कि जिस तरह से पृथ्वी पर एल्फाल्फा विकसित होती है, उसी तरह से बिना उर्वरक के ही मंगल पर भी उसके पौधे ऊग सकते हैं.
तीन उपयोगी पौधे
इतना ही नहीं शोधकर्ताओं ने मंगल की मिट्टी में उर्वरक डाल कर भी अल्फाल्फा को ऊगा कर देखा था. इसके अलावा शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि मंगल की सिम्यूलेटेड मिट्टी में वे शलजम, मूली और लेटूस पौधे भी पनप सकते हैं और उन्हें ज्यादा पानी और ज्यादा देखरेख की भी जरूरत नहीं होती.
साफ पानी के लिए समाधान
लेकिन इन सबके साथ एक समस्या यह है कि उन्हें पनपने के लिए साफ पानी की जरूरत होगी. पर शोधकर्ताओं को लगता है कि मंगल पर उपलब्ध नमकीन पानी को एक प्रकार के समुद्री बैक्टीरिया से उपचार कर ज्वालामुखी चट्टानों से छान कर फसलों के लिए साफ पानी तैयार किया जा सकता है. यह पहली बार है कि किसी बायोफर्टिलाइजर और एक सूक्ष्मजीव का बेसाल्ट मिट्टी के लिए और नमकीन पानी के सिम्यूलेंट्स के साथ प्रभावी उपचार बताया जा रहा है जो फसलों के पनपने के लिए उपयोगी हो सकता है.
मंगल पर मिट्टी कैसी मिलेगी यह एक बड़ी दिक्कत हो सकती है क्योंकि मगंल की मिट्टी की सटीक जानकारी अभी उपलब्ध नहीं है. इसके अलावा सिम्यूलेटेड मिट्टी में जहरीले पर्कोलेटेड नमक जैसे कुछ पदार्थ भी नहीं थे जिन्हें मंगल पर साफ करने की जरूरत भी पड़ सकती है. इसके बाद भी यह शोध कई उम्मीदें जगाने वाला माना जा रहा है. अल्फाल्फा का उत्पादन मंगल यात्रा के लिए कई सारी समस्याओं को एक साथ कम कर सकता है.
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