विज्ञान

आखिर कैसे आकाश में बनते हैं ये टिमटिमाते तारे?

Gulabi
24 May 2021 1:04 PM GMT
आखिर कैसे आकाश में बनते हैं ये टिमटिमाते तारे?
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टिमटिमाते तारे

रात को खुले आसमान में कई सारे टिमटिमाते तारे हमें दिखते हैं। तारों को यूं आकाश में जगमगाते हुए देखना वाकई एक अलग अनुभव होता है। गहन रात्रि में तारों को एकांत बैठ कर देखने पर ब्रह्मांड और अस्तित्व के साथ हमारे अंतरजोड़ का एहसास होता है। इन तारों को देखते हुए कई बार हमारे भीतर ये सवाल तो जरूर उठता होगा कि आखिर ये बनते कैसे हैं? इन विशालकाय तारों का निर्माण कैसे होता है? वह कौन-कौन सी चीजें होती हैं, जो तारों को बनाने का काम करती हैं। ऐसे में आज हम जानेंगे कि आखिर दूर आकाश में ये टिमटिमाते तारे बनते कैसे हैं?


तारों का निर्माण अंतरिक्ष में पाई जाने वाली विशाल निहारिकाओं से होता हैं। इन निहारिकाओं को अक्सर नेबुला भी कहा जाता है। इनके भीतर विशाल मात्रा में गैस, धूल कण, हाइड्रोजन और हिलियम गैस पाए जाते हैं। इन्हीं नेबुला के भीतर से तारों का जन्म होता है। तारों के बनने की प्रक्रिया यहीं से शुरू होती है। सर्वप्रथम नेबुला के भीतर पाए जाने वाले कण गुरुत्वाकर्षणीय खिंचाव से नजदीक आते हैं और एक गैसीय गोले का निर्माण करते हैं।

गुरुत्वाकर्षण का खिंचाव इतना अधिक होता है कि इससे गैसीय गोले का तापमान बढ़ने लगता है और वह तेजी से घूमने लगता है। तारों के बनने का यह प्रथम चरण होता है। इस चरण तक तारे का जहां तक विकास होता है, उसे प्रोटोस्टार कहा जाता है। गुरुत्वाकर्षणीय खिंचाव के चलते प्रोटोस्टार और भी ज्यादा धूल और गैस को अपनी तरफ आकर्षित करता है। यह प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है, जब तक तारे का कोर उप्युक्त मात्रा में द्रव्यमान को इकठ्ठा नहीं कर लेता है।

द्रव्यमान अधिक होने से प्रोटोस्टार के भीतर इतनी ज्यादा सघनता आ जाती है कि उसका कोर बड़ी मात्रा में दबाव और तापमान को पैदा करता है। इसके बाद प्रोटोस्टार अपने भीतर से हाइड्रोजन को फ्यूज करता है, जिसके चलते उसके अंदर नाभिकीय संलयन की प्रक्रिया होने लगती है। नाभिकीय संलयन होने के बाद हाइड्रोजन के दो अणु मिलकर हिलियम का एक अणु बनाने लगते हैं।

इस कारण प्रोटोस्टार के भीतर से भारी मात्रा में ऊर्जा और प्रकाश बाहर निकलता है। इससे तारा ब्रह्मांड में चमकने लगता है और अंतरिक्ष में एक नए पूर्ण विकसित तारे का जन्म होता है। इसके अलावा अब तारे के चारों ओर एक प्लाज्मा की परत भी आ जाती है। आज हम जितने भी तारों को अंतरिक्ष में देखते हैं, उन सभी का निर्माण इसी प्रक्रिया से हुआ है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अंतरिक्ष में स्थापित कुछ ऐसे नेबुला हैं, जिनसे कई सारे तारों का निर्माण होता है। इनमें द पिलर ऑफ क्रिएशन नेबुला, कैट आई नेबुला, हेलिक्स नेबुला आदी शामिल हैं।



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