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शोध के अनुसार , ऊंचे स्थानों पर रहने वाले लोगों में स्ट्रोक से मौत का खतरा कम
एक नए शोध से पता चला है कि जो लोग अधिक ऊंचाई पर रहते हैं उनमें स्ट्रोक और स्ट्रोक से होने वाली मौतों का खतरा कम रहता है। इस शोध के अनुसार लोगों की जीवन शैली और उनकी भौगौलिक स्थिति का भी स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। यह शोध साइंस जर्नल फ्रंटियर इन फिजियोलॉजी में प्रकाशित हुआ है।
इक्वाडोर के चार ऐसे स्थानों का चयन किया: इस शोध के दौरान दक्षिण अमेरिका के इक्वाडोर देश के चार ऐसे स्थानों का चयन किया गया जो पहाड़ियों पर स्थित थे। यहां के अस्पतालों में स्ट्रोक की वजह से अस्पताल में भर्ती होने वाले लोगों और स्ट्रोक की वजह से मरने वाले लोगों की केस स्टडी की गई।
इस विश्लेषण के दौरान एक लाख से अधिक स्ट्रोक से पीड़ित लोगों से जुड़ा 17 वर्षों के दौरान जमा किया गया डेटा भी शामिल किया गया। विश्लेषण के बाद शोधकर्ताओं ने पाया कि पहाड़ों में रहने वालों नें स्ट्रोक का खतरा कम ही था।
अधिक ऊंचाई का क्या मतलब: अधिक ऊंचाई का मतलब ऑक्सीजन की उपलब्धता में कमी है। दो हजार और 3,500 मीटर की ऊंचाई के बीच रहने वालों में यह सुरक्षा सबसे ज्यादा प्रभावी रहती है।According to research, people's lifestyle and geographical location also have an effect on health.
स्ट्रोक मौत और दिव्यांग होने का प्रमुख कारण: पूरी दुनिया में स्ट्रोक मौत और दिव्यांग होने का एक प्रमुख कारण है। आम तौर पर मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनियों में से एक में खून का थक्का बनने से रुकावट पैदा होती है और उससे आघात होता है। हमें अपनी जीवन शैली और स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ ऐसी बातों से परिचित होना जरूरी है जो स्ट्रोक का खतरा बढ़ाती हैं। ऐसी बातों में धूम्रपान, हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्राल, और शारीरिक गतिविधि में कमी शामिल है।