विज्ञान

एक अद्भुत खगोलीय घटना, एक सेकंड के लिए मघा नक्षत्र हो जाएगा विलुप्त

Apurva Srivastav
9 March 2021 5:22 PM GMT
एक अद्भुत खगोलीय घटना, एक सेकंड के लिए मघा नक्षत्र हो जाएगा विलुप्त
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एक अद्भुत खगोलीय घटना में 9 मार्च को देर रात मघा नक्षत्र विलुप्त हो जाएगा। हालांकि, यह एक सेकंड के लिए ही होगा। लेकिन, यह दुर्लभतम घटना है

एक अद्भुत खगोलीय घटना में 9 मार्च को देर रात मघा नक्षत्र विलुप्त हो जाएगा। हालांकि, यह एक सेकंड के लिए ही होगा। लेकिन, यह दुर्लभतम घटना है, जिसका उदाहरण बहुत मुश्किल से मिलता है। भारतीय ताराभौतिकी संस्थान के पूर्व प्रोफेसर रमेश कपूर ने बताया कि इस घटना में डैनियल नामक लघु ग्रह सूर्य का चक्कर लगाते हुए मघा नक्षत्र के सामने से होकर गुजरेगा। पृथ्वी पर कुछ स्थान ही इस घटना में बिल्कुल सीध में पड़ेंगे। ठीक उसी तरह जैसे पूर्ण सूर्यग्रहण के समय होता है। केवल पूर्णता के पथ में पडऩे वाले स्थान पर ही पूर्ण सूर्यग्रहण का नजारा होता है। इस अद्भुत ग्रहण या आच्छादन की घटना की पट्टी केवल 13 किमी चौड़ी होगी। इसकी वजह आच्छादन करने वाले पिंड की दूरी और इसका आकार है।

तब 14 सेकंड के लिए हुआ था विलुप्त-
प्रो. कपूर ने कहा कि डैनियल सौरमंडल में लघु ग्रहों की मुख्य बेल्ट का सदस्य है। ये सभी मंगल व बृहस्पति की कक्षाओं के भीतर रहते हुए सूर्य की परिक्रमा करते हैं। डैनियल की खोज 22 अगस्त 1979 को हुई। यह सूर्य का चक्कर 4.89 वर्ष में पूरा करता है। दिलचस्प यह है कि 20 मार्च 2014 को मघा नक्षत्र का ही आच्छादन एक अन्य लघु ग्रह एरिगॉन ने किया था। तब यह तारा 14 सेकंड के लिए विलुप्त हुआ था।
10 किमी से कम है लघु ग्रह का आकार-
प्रो. कपूर ने बताया, डैनियल का आकार मात्र 9.4 किमी है। जहां तक तारों की बात है तो वे पृथ्वी से इतने दूर हैं कि सूर्य से कई गुना अधिक बड़े होने के बावजूद बिंदु सरीखे ही लगते हैं। चाहे उन्हें विशाल दूरदर्शी से ही क्यों न देखा जाए। गणना के अनुसार इन्हीं वजहों से ये आच्छादन मात्र एक सेकंड की अवधि का होगा।
कोरी आंख से भी दर्शनीय यह घटना-
आच्छादन की यह घटना कई देशों से नजर आएगी। यह छाया दक्षिण-पूर्व एशिया भारत, पाकिस्तान, मध्य एशिया, यूरोप व आयरलैंड तक पहुंचेगी। भारत में यह घटना 9 मार्च आधी रात के बाद 1.41 से 1.43 बजे के बीच होगी। यह घटना कोरी आंख से देखी जा सकती है, क्योंकि मघा नक्षत्र एक चमकीला तारा है जिसे रोशनी से भरपूर शहर से भी आकाश में देखा जा सकेगा। इस आच्छादन के पथ में पडऩे वाले प्रमुख राज्य- ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान हैं।


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