विज्ञान

अंतरिक्ष में 12 दिसंबर को दुर्लभ नजारा दिखने जा रहा है,हरे रंग की पूंछ के साथ दिखाई देगा यह धूमकेतु

Kajal Dubey
11 Dec 2021 2:17 AM GMT
अंतरिक्ष में 12 दिसंबर को दुर्लभ नजारा दिखने जा रहा है,हरे रंग की पूंछ के साथ दिखाई देगा यह धूमकेतु
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साल का सबसे चमकदार धूमकेतु

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हरी पूंछ वाला लियोनार्ड धूमकेतु आगामी 12 दिसंबर को धरती के पास से गुजरने जा रहा है। इसे साल का सबसे चमकदार धूमकेतु कहा जा रहा है। करीब 70 हजार साल में ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब एक हरी पूंछ वाला धूमकेतु धरती के पास से गुजरेगा। इस धूमकेतु की खोज इसी साल जनवरी महीने में की गई थी। इस धूमकेतु को C/2021 A1 के नाम से भी जाना जाता है।

वैज्ञानिकों के मुताबिक यह धूमकेतु 12 दिसंबर को धरती के सबसे करीब होगा। इस दौरान इसकी पृथ्वी से दूरी लगभग 21 मिलियन मील (35 मिलियन किमी) होगी। इसे रात के समय पूरे महीने आकाश में देखा जा सकेगा और जैसे-जैसे महीना खत्‍म होगा, इसकी चमक बढ़ती चली जाएगी। उत्तरी गोलार्ध में इसे पूर्व और पूर्वोत्‍तर दिशा में किसी टेलिस्कोप या दूरबीन की मदद से देखा जा सकता है। इस धूमकेतु की खोज खगोलविद ग्रेगरी जे लियोनार्ड ने की थी। यह धूमकेतु करीब 35 हजार साल तक बाहरी अंतरिक्ष में रहने के बाद अब धरती के करीब आ रहा है।
देखने के लिए सबसे अच्‍छा समय 17 दिसंबर को होगा
खगोलविदों ने बताया कि 12 दिसंबर को इसे देखने के लिए सबसे अच्‍छा समय सूर्योदय से कुछ घंटे पहले का रहेगा। खगोलविदों का कहना है कि 14 दिसंबर के बाद से यह सूर्यास्‍त के बाद आसमान आकाश में दिखाई देगा। यह धूमकेतु भले ही 12 दिसंबर को पृथ्‍वी के सबसे करीब होगा लेकिन खगोलविदों का कहना है कि इसे देखने के लिए सबसे अच्‍छा समय 17 दिसंबर को होगा। इस दौरान लियोनार्ड धूमकेतु की चमक अपने शवाब पर होगी।
हरे रंग की पूंछ के साथ दिखाई देगा यह धूमकेतु
खगोलविदों का कहना है कि बाद में महीने में शाम को कुछ समय के लिए इस चमकीले हरे बर्फ के गोले को सूर्यास्त के बाद देखना संभव हो सकता है। इस दौरान इस धूमकेतु की हरे रंग की एक पूंछ भी दिखाई देगी। वैज्ञानिकों ने बताया कि इस बर्फीली चट्टान का आंतरिक भाग सूर्य के जितना करीब आता है, उतना ही गर्म होता है। इससे पहले यह नीली धूल, फिर पीले या सफेद और अंत में हरे रंग का उत्सर्जन करता है।
धरती के करीब टूट सकता है यह धूमकेतु
हरे रंग की पूंछ का मतलब यह धूमकेतु काफी गर्म है। इसमें बहुत सारे साइनाइड और डायटोमिक कार्बन हैं और इसके टूटने की संभावना भी उतनी ही ज्यादा है। क्रिसमस के दिन लियोनार्ड को सूर्यास्त के बाद दक्षिण-पश्चिम क्षितिज पर देखने का मौका मिल सकता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप दुनिया में कहां हैं। इस धूमकेतु के दिसंबर के अंत में सबसे अधिक चमकीला होने की उम्मीद है। लियोनार्ड धूमकेतु को खगोलविद ग्रेगरी जे लियोनार्ड ने 3 जनवरी को एरिजोना में माउंट लेमोन इन्फ्रारेड वेधशाला से खोजा था।


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