विज्ञान

हजारों गैलेक्सी के समूह की खूबसूरत तस्वीर आई सामने, इस तरह NASA के हबल टेलीस्कोप ने किया कैप्चर

Khushboo Dhruw
6 May 2021 9:28 AM GMT
हजारों गैलेक्सी के समूह की खूबसूरत तस्वीर आई सामने, इस तरह NASA के हबल टेलीस्कोप ने किया कैप्चर
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एलिपटियल ईएसओ 146-5 गैलेक्सी दिखाई दे रही है

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (National Aeronautics and Space Administration) आए दिन हैरान कर देने वाली तस्वीरें जारी करती है, जिससे लोगों में इस क्षेत्र के बारे में जानने की उत्सुकता बढ़ रही है. ये तस्वीरें कई ऐसे रहस्य खोल रही हैं, जिनके बारे में सदियों से जानने की जिज्ञासा रही है. अब नासा के हबल स्पेस टेलीस्कोप ने एक ऐसी तस्वीर कैप्चर की है, जिसमें गैलेक्सी (आकाशगंगा) का पूरा क्लस्टर (समूह) देखा जा सकता है. ये तस्वीर गैलेक्सी कल्सटर एबेल 3827 (Abell 3827) की है. इस तस्वीर में अगल-अलग शेप और साइज की हजारों गैलेक्सी देखी जा सकती है, जो पृथ्वी से करीब 1.4 बिलियन प्रकाश वर्ष दूर हैं.

इसके बीच में एलिपटियल ईएसओ 146-5 गैलेक्सी दिखाई दे रही है, जिसे उसके मजबूत गुरुत्वाकर्षण लेंसिंग प्रभाव के कारण ब्राह्माण की सबसे विशाल गैलेक्सी के तौर पर जाना जाता है (Picture of Galaxies). इस तस्वीर को जारी करने के लिए चार विभिन्न वेवलैंथ से आने वाली लाइट को कैप्चर किया गया और फिर उसे आपस में जोड़ा गया. हबल टेलीस्कोप ने इस तस्वीर को कैप्चर करने के लिए अडवांस कैमरा फॉर सर्वे (एसीएस) और वाइड फील्ड कैमरा 3 (डब्ल्यूएफसी3) का इस्तेमाल किया है.
हले क्या मानते थे खगोलविद?
तस्वीर को प्रकाशित करने वाली यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) ने लिखा है, 'हजारों गैलेक्सी के इस कल्स्टर (समूह) को देखें, तो यह याद करना आश्चर्यजनक है कि 100 साल से कुछ समय पहले तक, कई खगोलविदों को लगता था कि हमारे ब्रह्माड में मिल्की वे ही अकेली गैलेक्सी है (Hubble Space Telescope Picutres). अन्य गैलेक्सी के मौजूद होने की बात पर पहले से काफी बहस हो चुकी है, ऐसा तब तक हुआ जब तक एडविन हबल ने पुष्टि नहीं की कि ग्रेट एंड्रोमेडा नेबुला (गैलेक्सी का नाम) मिल्की वे का हिस्सा बनने के लिए भी काफी दूरी पर स्थित है.'
एबेल 3827 की सबसे ज्यादा चर्चा क्यों?
एबेल 3827 खगोलविदों की पसंद इसलिए भी है क्योंकि ये माना जाता है कि इसमें डार्क मैटर निहित है. यानी एक तरह का अदृश्य द्रव्यमान. आम भाषा में कहें तो हमारे यूनिवर्स यानी ब्रह्मांड में ऐसा बहुत कुछ है, जिसके बारे में अभी तक पता नहीं लगाया जा सका है, जिसके रहस्य अब भी वैज्ञानिक खोज रहे हैं. इसे ही डार्क मैटर (What is Dark Matter) कहा जाता है. वैज्ञानिकों का ऐसा कहना है कि ब्रह्मांड का 85 फीसदी हिस्सा उन पदार्थों से बना है, जिसके बारे में वैज्ञानिक पता नहीं लगा सके हैं. हबल टेलीस्कोप को 1990 में लॉन्च किया गया था, अब तक यह करीब 48 हजार सितारों, ग्रहों और गैलेक्सी की 1.5 मिलियन तस्वीरें ले चुका है.


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