विज्ञान

8 साल पुराने सुपरनोवा ने खोला तारों के जीवन के कई रहस्य, तारे की जन्म और मृत्यु की जानकारी

Rani Sahu
29 April 2022 9:39 AM GMT
8 साल पुराने सुपरनोवा ने खोला तारों के जीवन के कई रहस्य, तारे की जन्म और मृत्यु की जानकारी
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तारों (Stars) में उनके मरते समय विस्फोट की घटना को सुपरनोवा (Supernova) कहते हैं

तारों (Stars) में उनके मरते समय विस्फोट की घटना को सुपरनोवा (Supernova) कहते हैं. वैज्ञानिकों के लिए सुपरनोवा की घटना विशेष अध्ययन का अवसर होता है. इसके जरिए वे एक तारे के जीवन चक्र (Life Cycle of Stars) के कई पहलुओं को जान सकते हैं. वे इस घटना को एक तरह की टाइम मशीन भी मानते हैं जिसमें तारे के इतिहास के साथ भविष्य की कई बातें भी सिमटी होती है. आठ साल पहले वैज्ञानिकों ने एक सुपरनोवा की घटना को होते हुए देखा था. अब उसके अध्ययन से कई खुलासे हुए हैं.

तारे की जन्म और मृत्यु की जानकारी
अमेरिका के ऑस्टिन टेक्सॉस यूनिवर्सिटी के बेंजामिन थॉमस की अगुआई में अंतरराष्ट्रीय खगोलविदों की टीम ने हॉबी-इबरली टेलीस्कोप (HET) के अवलोकनों के लिए इस सुपरनोवा के विस्फोट के कुछ अनसुलझे रहस्य सुलझाने में सफलता पाई है. एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन के नतीजों से खगोलविदों को विशाल तारों की जन्म और मृत्यु की प्रक्रियाओं को बेहतरत समझने में मददगार हो सकते हैं.
क्या होता है विस्फोट होने पर
जब कोई तारा फूटता है, खगोलविद इस घटना को टेलीस्कोप के जरिए बारीकी से अध्ययन करते हैं जिसमें से आने वाला प्रकाश समय के साथ तेजी से बदलता है. वे देखते हैं कि सुपरनोवा का प्रकाश चमकीला होता जाता है और चरम पर पहुंचने के बाद धुंधला होने लगता है. शोधकर्ता इस चमक की विविधताओं को प्रकाश वक्र के रूप में अवलोकित करते हैं.
अलग अलग प्रकाश तरंगें
इस अवलोकन के दौरान खगोलविद सुपरनोवा से उत्सर्जित प्रकाश की अलग अलग तरंगों की जानकारियां नोट करते हैं जिससे वे इस तंत्र की भौतिक जानकारी हासिल कर सकें. थॉमस ने बताया, "मुझ लकता है कि इसमें सबसे अच्छी बात यही थी की हम इसमें ऐसे उत्सर्जन को देख रहे थे जो ऐसे पदार्थ से आ रहा था सुपरनोवा के विस्फोट के पहले से ही आ रहा था."
द्विज तारे का विस्फोट
थॉमस का कहना है कि इससे यह एक टाइम मशीन की तरह हो गया है. इस सुपरनोवा को 2014C नाम दिया गया है. इसका पूर्वज एक द्विज तारा था. द्विज तारे के सिस्टम में दो तारे एक दूसरे का चक्कर लगाते हैं. इसमें से भारी तारा ज्यादा तेजी से विकसित होकर विस्फोटित होता है जिससे इसका हाइड्रोजन का आवरण खत्म हो जाता है.
ईंधन खत्म फिर विस्फोट
इस तारे के आवरण की हाइड्रोजन साथी तारे के पास चली जाती है. बड़े तारे की आंतरिक क्रोड़ लगातार हलके रासायनिक तत्वों को जलाती रहती है जिससे वे भारी तत्वों में बदलते रहते हैं जबतक की पूरा ईंधन खत्म नहीं हो जाता है. इसी समय क्रोड़ में बाहर की ओर पड़ने वाला दबाव कम हो जाता है जो तारे के भार को संभालने के काम कर रहा था. इससे तारे की क्रोड़ सिकुड़ जाती है और परिणामस्वरूप एक विशाल विस्फोट हो जाता है.
अलग अलग टेलीस्कोप से हुए अवलोकन
यह एलबी प्रकार का सुपरनोवा कहलता है जिसमें उसर्जित होने वाल पदार्थों में हाइड्रोजन नहीं होता है. थामस और उनके साथी इस घटना का शुरू से ही अवलोकन कर रहे थे. इसके अलावा इसका दुनिया के दूसरे टेलीस्कोप के जरिए भी अध्ययन किया जा रहा था जिसमें पृथ्वी पर मौजूद रोडियो तरंगो वाली वेधशालाओं से लेकर अंतरिक्ष में स्थित एक्स रे के जरिए अध्ययन करने वाली चंद्रा वेधशाला भी शामिल थी.
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