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मिला ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेट
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने रविवार को देश के एक या दो नहीं, बल्कि एक साथ 8 समुद्र तटों को ब्लू फ्लैग मिलने की घोषणा की. स्वच्छ समुद्री तटों के लिए मिलने वाला ये सम्मान डेनमार्क का 'फाउंडेशन फॉर एनवायरमेंट एजुकेशन' (FEE) देता है. ये संस्था ग्लोबल स्तर पर अपनी पारदर्शिता और सख्त मापदंडों के लिए जानी जाती है, जो बिना फर्क समुद्री तटों की बारीकी से पड़ताल करती और तब उन्हें फ्लैग देती है. कुल 33 अलग-अलग मापदंडों पर समुद्री तट की पड़ताल होती है.
8 of India's serene beaches get the prestigious Blue Flag Certification. This showcases the importance India attaches to protecting such spots and furthering sustainable development.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 11, 2020
Truly a wonderful feat! https://t.co/dy02H7AyaD
किन तटों को मिली मान्यता
अब तक देश के किसी भी समुद्री तट को इतना स्वच्छ नहीं माना गया था कि उसे ब्लू फ्लैग मिल सके. साल 2018 में देश के पर्यावरण मंत्रालय ने 13 समुद्री तटों को ब्लू फ्लैग के करीब पाया और इनमें से भी 8 तटों के नाम डेनमार्क भेजे गए. वहां संस्था ने इन सभी 8 समुद्र तटों को अपने मानकों पर खरा पाया और ये फ्लैग दिया. ये फ्लैग पाने वाले बीचों में शिवराजपुर (गुजरात), घोघला (दीव), कासरकोड और पदुबिद्री (दोनों कर्नाटक में), कप्पड़ (केरल), रुशिकोंडा (आंध्र), गोल्डन (ओडिशा) और राधानगर (अंडमान) हैं. साथ ही देश को समुद्री तटों की स्वच्छता बनाए रखने की कोशिश के लिए थर्ड इंटरनेशनल बेस्ट प्रैक्टिस अवार्ड भी मिला.
एशिया में 4 ही देश इसके योग्य
वैसे बता दें कि एशिया में भारत को मिलाकर केवल 4 देशों के पास ब्लू फ्लैग आ सका है. इनमें जापान, यूएई और साउथ कोरिया हैं. ब्लू फ्लैग सूची के तहत फिलहाल स्पेन के पास दुनिया में सबसे ज्यादा 566 समुद्री तट हैं जो साफ हैं, जबकि ग्रीस के 515 और फ्रांस के 395 तटों को यह दर्जा मिला हुआ है. यानी इन तटों में प्रदूषण का स्तर काफी कम है.
स्पेन हमेशा सबसे आगे
समुद्री तटों को स्वच्छ बनाने की मुहिम चलाने वाली संस्था FEE एक गैर-सरकारी संस्था है, जिसके 60 सदस्य देश हैं. हर साल FEE अपने सदस्य देशों के तटों को स्वच्छता के आधार पर चुनती और फ्लैग देती है. साल 1987 से तटों को साफ बनाने के लिए प्रोत्साहित करने को दिए जाने वाले इस पुरस्कार में स्पेन शुरुआत से ही सबसे आगे रहा है. बता दें कि ये देश पिछले तीन दशकों से लिस्ट में सबसे ऊपर रहा, यानी यहां के समुद्र तट सबसे साफ-सुथरे माने जाते हैं.
किन मानकों पर मिलता है फ्लैग
किसी समुद्र तट को ब्लू फ्लैग का खिताब यूं ही नहीं मिलता, बल्कि इसके लिए कई मानकों पर खरा उतरना होता है. इसमें पानी का स्वच्छ होना ही काफी नहीं, बल्कि ये भी चेक किया जाता है कि बीच के आसपास लोगों की सुरक्षा का कैसा इंतजाम है. इसके लिए तट पर चौबीसों घंटे लाइफ गार्ड्स की तैनाती होनी चाहिए ताकि दुर्घटना रोकी जा सके. साथ ही दुर्घटना की स्थिति में फर्स्ट एड का भी बंदोबस्त हो.
साथ ही साथ पानी के भीतर रहने वाले जीव-जंतुओं और वनस्पति की सुरक्षा के बारे में सोचा जाता है. बीच की स्वच्छता बनाए रखने के लिए एक मैनेजमेंट कमेटी हो, जो लगातार इस बारे में आम जनता को सचेत करती रहे. बीच घूमने आने वालों के लिए डस्टबिन के लेकर सफाई के दूसरे इंतजाम हों. समुद्री तटों पर लोग कुत्ते टहलाने भी लाते हैं. लिहाजा ये ध्यान में रखना होता है कि पालतू जानवरों के लिए भी बीच के कुछ नियम हों, जिनका पालन पशु के मालिक को करना होता है.